23 July 2024
अधिकांश छोटे बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं या फिर उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता. बच्चा पढ़ना नहीं चाहता इसके कई कारण हो सकते हैं.
Credit- Freepik
अगर आप बच्चे पर पढ़ाई का अधिक दबाव डाल रहे हैं तो इससे भी पढ़ाई से वो दूर भागने लगता है. बार-बार बच्चे को दूसरे बच्चों से कंपेयर करने से भी वो पढ़ने से बचने लगता है.
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बच्चे को खेलने के लिए कम समय देना और हर बार पढ़ने के लिए कहने से भी बच्चा पढ़ना नहीं चाहता. हर बार ये कहना कि मेरा बच्चा तो पढ़ता ही नहीं है, इससे बच्चे के मन में पढ़ाई के प्रति गलत भावना बनती है.
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हर बच्चा दूसरे बच्चे से अलग होता है इसलिए उसे उसी की गति से सीखने दें. अगर वो धीरे-धीरे पढ़ना सीख रहा है तो धीरज रखें और प्यार से उसे पढ़ना सिखाएं.
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घर में पढ़ने-लिखने का माहौल बनाकर रखें और खुद भी किताबें पढ़ें. पढ़ाई के दौरान जब बच्चे को जरूरत हो, उसकी मदद करें और बिना डांटें प्यार से हर चीज बताएं.
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बच्चा जिस गति से सीख रहा है, उसके गोल्स यानी लक्ष्य भी उसी हिसाब से तय करें. इस दौरान बच्चे की रुचि का भी ध्यान रखें. अगर वो कोई चीज नहीं सीखना चाहता तो कुछ दिनों के लिए उसे छोड़कर दोबारा फिर से कोशिश करें.
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अगर बच्चा कोई चीज सीख जाता है तो उसे सेलिब्रेट करें. इससे बच्चा और बाकी चीजों को सीखने के लिए प्रोत्साहित होगा. सीखने के लिए बच्चे की कोशिश की तारीफ करें.
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बच्चे को पढ़ना-लिखना सिखाते वक्त उसकी बातों को भी ध्यान से सुनें और उसे अपने फैसले लेने दें. उन्हें ये एहसास कराएं कि लर्निंग जर्नी में वो अपने मालिक खुद हैं और उन्हें नई-नई चीजें एक्सप्लोर करना है.
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