रोजाना ड्राई फ्रूट्स को डाइट में शामिल करने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं. इनमें कई तरह के विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. साथ ही ये शरीर में होने वाली पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा करते हैं.
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रोजाना मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स खाने से भूख और क्रेविंग कंट्रोल होती है और एनर्जी मिलती है. आयुर्वेद में भी कहा गया है कि रोजाना भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स खाना काफी फायदेमंद होता है.
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साथ ही, ड्राई फ्रूट्स को सर्दियों में खाना फायदेमंद माना जाता है. जरूरी है कि ड्राई फ्रूट्स को खाते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए.
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आइए जानते हैं ड्राई फ्रूट्स को उनकी प्रकृति के अनुसार किस तरह से खाना चाहिए.
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यह वात के मरीजों के लिए काफी अच्छा माना जाता है. लेकिन पित्त के मरीजों को इसका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए. कफ के मरीजों के लिए काजू काफी ऑयली और हैवी होता है जिस कारण कफ बढ़ सकता है.
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भीगे और छिलके निकले हुए बादाम वात के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं. वहीं, पित्त के मरीज भी इन्हें भिगोकर ही खाएं. कफ के मरीजों के लिए इसे अच्छा माना जाता है.
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वात के मरीजों को इसका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे कब्ज हो सकती है. अखरोट की प्रकृति गर्म होती है ऐसे में पित्त के मरीज इसे कम ही खाएं. इसमें ऑयल होता है इसलिए कफ के मरीज भी इसे ज्यादा ना खाएं.
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वात के मरीजों के लिए अंजीर काफी फायदेमंद साबित होते हैं. वहीं, पित्त के मरीजों को इसे कम खाना चाहिए. इसमें मिठास होती है और ये हैवी होते हैं . ऐसे में कफ वाले भी इसे ज्यादा ना खाएं.
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इसमें कई ऐसे गुण होते हैं जो वात के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होते हैं. पित्त के मरीज इसे कम मात्रा में खाएं. इसकी प्रकृति गर्म और हैवी होती है ऐसे में कफ के मरीज भी इसे कम ही खाएं.
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