अक्सर लोग अपने वजन को मेंटेन करने के लिए वेट मशीन से अपना वजन नापते हैं.
वेट मशीन पर अपना वजन कम या ज्यादा होने पर लोग अपने खान-पान और फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देकर उसे कंट्रोल कर सकते हैं.
कुछ लोग वजन नापने को काफी आसान समझते हैं और दिन के किसी भी समय अपना वजन नापने लगते हैं.
ऐसा करना पूरी तरह गलत होता है. अगर आपका सही वेट नहीं आएगा तो आपको सही वजन पता नहीं पड़ेगा जिससे सारे आंकड़े गलत साबित हो सकते हैं.
साइंस के मुताबिक, शरीर का वजन करने का सही समय होता है और उसी समय सभी को अपना वजन नापना चाहिए.
साइंस कहता है कि वजन नापने से पहले ब्लैडर को खाली करना जरूरी होता है, नहीं तो यूरिन का वजन भी शरीर के वजन में जुड़ जाएगा. इसलिए यूरिनेशन करके आएं.
ध्यान रखें वजन नापते समय आपका पेट खाली होना चाहिए. पानी, मेडिसिन, चाय या कॉफी वजन नापने के बाद ही लें.
500 ग्राम से 1 किलो तक वजन हर इंसान का वजन घटता-बढ़ता रहता है इसलिए इतना मार्जिन हमेशा लेकर चलें.
फिजिकल एक्टिविटी के कारण किसी का भी वजन शाम को कम आएगा. इसलिए सभी को सुबह के समय खाली पेट वजन नापना चाहिए.
सुबह के समय वजन नापने का कारण यह है कि उस समय आपका पेट खाली होता है. वहीं अगर आप शाम को वजन करते हैं तो आप 2-3 बार खाना खा चुके होते हैं, पानी पी चुके होते हैं, जिसका वजन भी शरीर के वेट में आएगा.
अगर आप अपनी प्रोग्रेस नापना चाहते हैं तो हमेशा सुबह खाली पेट वजन नापना चाहिए.
अगर कोई महीने में 1 बार वजन नापता है तो वह काफी है. रोज-रोज वेट करने की जरूरत नहीं होती.
हर इंसान का वजन इस आधार पर बदलता रहता है कि उसने पिछले दिन क्या खाया था, कितना पानी पिया था, कौन सी नई दवाई ली थी और फिजिकल एक्टिविटी का लेवल क्या था.