देश में कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के मामले काफी बढ़ रहे हैं.
आई फ्लू सिर्फ किसी संक्रमित व्यक्ति की आंख में देखने से नहीं बल्कि वायरल, बैक्टीरिया, एलर्जी, कैमिकल के संपर्क में आने से भी फैलता है.
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आपने देखा होगा कि आई फ्लू होने के बाद लोग अक्सर डार्क या काला चश्मा लगा लेते हैं.
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क्या काला चश्मा लगाने से आई फ्लू ठीक होता है या फिर आई फ्लू से बचा जा सकता है? ऐसे ही कुछ सवाल आपके मन में भी होंगे. तो आइए इसका सही जवाब भी जान लीजिए.
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जब कोई आई फ्लू के संपर्क में आ जाता है तो उसकी आंखें लाइट के लिए सेंसेटिव हो जाती हैं और उन्हें हल्की रोशनी भी काफी तेज दिखती है. इसलिए आई फ्लू से संक्रमित लोग डार्क चश्मा लगाते हैं.
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जो लोग ऐसा सोचते हैं वे लोग पूरी तरह गलत हैं. आई फ्लू फैलने के कई तरीके हैं. जैसे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई चीजों को स्पर्श करने से, वायरस आदि से.
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आई फ्लू तौलिया, संक्रमित व्यक्ति द्वारा स्पर्श की हुई चीजों को छूने से भी फैल सकता है. संक्रमण तब अधिक फैलता है जब कोई इन दूषित वस्तुओं को छूता है या किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आता है.
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आई फ्लू के दौरान चश्मा लगाने से आंखों में खुजली कम होती है और आप आंखों को बार-बार स्पर्श करने से बचते हैं, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाती है.
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चश्मा लगाने से धूल के कण आंखों में प्रवेश नहीं कर पाते जिससे खुजली नहीं होती.
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संक्रमण को और अधिक फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरतना और उचित सफाई रखना भी काफी जरूरी है.
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