आजकल के दौर में बेहदम कम के युवाओं में भी विटामिन डी की कमी होने लगती है. विटामिन डी की कमी शरीर के लिए काफी हानिकारक है.
विटामिन डी की कमी से कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और हड्डियों के घनत्व में कमी होने लगती है. इसके अलावा यह ऑस्टियोपोरोसिस का भी कारण बन सकती है. यह फ्रैक्चर (टूटी हुई हड्डियां) की कंडीशन और भी खराब कर सकती हैं.
गंभीर रूप से विटामिन डी की कमी से अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं जैसे बच्चों में यह रिकेट्स का कारण बन सकता है.
शरीर को अगर पर्याप्त मात्रा में धूप मिलती रहती है तो शरीर में इसकी कमी नहीं होती. इसके अलावा साल्मन, टूना मछली, डेयरी उत्पादों के जरिए भी आप विटामिन डी की कमी को दूर कर सकते हैं.
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण की सुविधा प्रदान करता है. इससे हड्डियां मजबूत और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है.
यह विटामिन प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में भूमिका निभाता है. यह शरीर को सभी प्रकार के संक्रमणों से बचाने में मदद करता है.
विटामिन डी और मूड के बीच भी एक संबंध है. विशेषज्ञ का कहना है कि विटामिन डी संभावित रूप से मेंटल हेल्थ को बढ़ावा देता है.
यह मांसपेशियों के समुचित कार्य के लिए जरूरी है.
अगर आप इस विटामिन की कमी से बचना चाहते हैं तो डाइट में बादाम, एप्रिकॉट, डेट्स और क्रैनबेरीज जैसे सूखे मेवे भी जरूर शामिल करें.