7 Oct 2024
Credit: FreePic
भारत दुनिया में दूसरा ऐसा देश है, जहां डायबिटीज के सबसे अधिक मरीज हैं. यह बीमारी कम उम्र के लोगों में भी नजर आ रही है.
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2023 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, 2021 में भारत में 20–79 उम्र के 7.4 करोड़ लोग डायबिटीज के शिकार थे और 2045 तक यह संख्या 12.4 करोड़ तक पहुंच सकती है.
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हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) द्वारा एक रिसर्च की गई जिसमें सामने आया है कि कुछ तरह के फूड्स इंडियंस में डायबिटीज को बढ़ा रहे हैं.
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रिसर्च में सामने आया है कि एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs) से भरपूर चीजें भारत में डायबिटीज का मुख्य कारण है.
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एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs) हानिकारक कंपाउड होते हैं जो तब बनते हैं, जब प्रोटीन या फैट ब्लडस्ट्रीम में ग्लूकोज के साथ मिलते हैं. इस प्रोसेस को ग्लाइकेशन कहा जाता है.
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AGEs फूड प्रोडक्ट्स में भी बन सकते हैं. हाई टेम्प्रेचर के संपर्क में आने वाले फूड प्रोडक्ट जैसे ग्रिलिंग, फ्राइंग या टोस्टिंग प्रोसेस के दौरान ये कंपाउंड काफी मात्रा में बनते हैं.
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जब कोई बहुत अधिक AGEs का सेवन करता है तो शरीर उसे खत्म नहीं कर पाता और वह जमा होते रहते हैं.
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शरीर में AGEs का हाई लेवल डायबिटीज, हार्ट डिसीज, किडनी फेल और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का जोखिम तो बढ़ाता ही है, साथ ही साथ आपको समय से पहले बूढ़ा भी बना सकता है.
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फ्राइड फूड, बेकिंग चीजें, प्रोसेस्ड चीजें, हाई टेम्प्रेचर पर पकी हुई एनिमल बेस्ड चीजें, रोस्टेड नट्स इन चीजों से इंडियंस में डायबिटीज का खतरा बढ़ रहा है.
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ये खाद्य पदार्थ भारतीयों की डाइट में काफी कॉमन है. इन्हें तलना, भूनना, ग्रिल करना जैसी विधियों से बनाया जाता है जो शरीर में AGEs का लेवल बढ़ा देता है.
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