ड्राई फ्रूट्स यानी सूखे मेवे अनेकों पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इनमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो सेहत के लिए बहुत जरूरी होते हैं.
आयुर्वेद में भी ड्राई फ्रूट्स को ऊर्जा और आवश्यक पोषक तत्वों का स्रोत माना जाता है. लेकिन आयुर्वेद में इन्हें खाने के तरीके और कुछ नियम भी बताए गए हैं. अगर आप इन्हें फॉलो करते हैं तो आपको इनसे बहुत ज्यादा फायदे होते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार सूखे मेवे खाने का समय काफी मायने रखता है. आयुर्वेद दिन के समय सूखे मेवे खाने की सलाह देता है.
अगर आप इन्हें सुबह के नाश्ते या 10 बजे से दोपहर के खाने के बीच खाते हैं तो आपको इसके ज्यादा से ज्यादा फायदे होते हैं.
इस समय खाना सबसे अच्छा
इसके अलावा ज्यादातर ड्राई फ्रूड्स की तासीर गर्म होती है और ये हैवी भी होते हैं इसलिए दिन में इन्हें खाना ज्यादा अच्छा है. देर रात इनका सेवन करने से बचें क्योंकि इससे पाचन की प्रक्रिया में दिक्कत आती है. साथ ही बादाम, अंजीर और खजूर को रात भर पानी में भिगोकर खाने से ज्यादा लाभ मिलते हैं.
आयुर्वेद खानपान के संयोजनों के महत्व पर जोर देता है. सूखे मेवों को उनके लाभों को बढ़ाने के लिए कुछ मसालों या अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर खाया जाए तो इससे ज्यादा लाभ होता है.
सही तरह पेयर बनाकर खाएं
उदाहरण के लिए अगर आप भीगे हुए बादाम को एक चुटकी केसर और खजूर के साथ मिलाकर खाते हैं तो इससे शरीर को खूब ऊर्जा मिलती है और आपकी इम्युनिटी मजबूत होती है. इससे बीमारियों आपके शरीर से दूर रहती हैं.
सूखे मेवे पौष्टिक होते हैं लेकिन आयुर्वेद इन्हें सीमित मात्रा में सेवन करने की सलाह देता है. ज्यादा सेवन शरीर में असंतुलन पैदा करता है. इसलिए हर रोज लगभग 20 से 30 ग्राम सूखे मेवों का सेवन किया जा सकता है.
अच्छे पाचन के लिए सूखे मेवों को अच्छी तरह चबाना जरूरी है. आयुर्वेद चबाने की क्रिया को पाचन का पहला चरण मानता है क्योंकि इससे बेहतर अवशोषण के लिए भोजन को छोटे कणों में तोड़ने में मदद मिलती है.
आयुर्वेद भुने हुए या नमक-मसाला मिले हुए ड्राई फ्रूट्स से बचने की सलाह देता है क्योंकि ये प्रक्रियाएं उनके प्राकृतिक गुणों को बदल सकती हैं और उन्हें कम फायदेमंद बनाती हैं.
इसलिए सादे और बिना नमक के ही ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें. आयुर्वेद सूखे मेवों के प्रभाव को संतुलित करने के लिए इलायची, दालचीनी और जायफल जैसे मसालों के उपयोग को प्रोत्साहित करता है. ये मसाले ना केवल उनका स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचाते हैं.
इस खबर में बताए गए सुझाव सामान्य जानकारी पर आधारित हैं इसलिए किसी भी उपचार/दवा/डाइट को अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.