गंजे सिरों पर 'चमत्कारी दवाई', हजारों की भीड़...कहीं खतरनाक तो नहीं ये? जानें डॉक्टर की चेतावनी

17 Dec  2024

Credit: Mradul Singh rajpoot

सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से वीडियोज वायरल हो रहे हैं जिसमें हजारों की संख्या में गंजे लोग खड़े हैं. 

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वीडियो के बारे में पता लगा कि ये वीडियो लोगों की उस भीड़ का है जो सिर पर बाल उगाने वाली दवाई लगवाने आए हैं.

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दरअसल, बिजनौर के रहने वाले सलमान और अनीस दावा कर रहे हैं कि वो जो दवाई या तेल गंजे लोगों के सिर पर लगाते हैं, उससे कुछ ही समय में उनके सिर पर बाल आ जाएंगे जिनके बाल नहीं हैं या जो एलोपेशिया (बालों के झड़ने की एक बीमारी है) से ग्रसित हैं. 

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सलमान ने वीडियो में बताया है, 'नॉर्मल हेयर फॉल वालों पांच मिनट और एलोपेशिया वालों को 15 मिनट दवाई लगाने के बाद धो लेना है. फिर 4 दिन तक सिर नहीं धोना है. इसके बाद 4 दिन तक हर 2 घंटे में कम मात्रा में गोले (नारियल) का तेल लगाना है.'

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क्या है दावा?

'दवाई या तेल लगाने के 3 दिन तक कैप या टोपी नहीं लगाना है और फिर हर 15 दिन (2-3 हफ्ते) बाद फिर से दवाई लगवाने आना है. कुछ ही समय में बाल आ जाएंगे.'

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इस दावे पर हमने हेयर ट्रांसप्लाट सर्जन और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. गौरांग कृष्णा से बात की. उन्होंने दवाई लगाकर बाल उगाने वाले इस दावे पर Aajtak.in से बात की.

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डॉ. गौरांग ने कहा, 'देखिए जो ये तेल लगा रहे हैं, मैंने इसके बारे में थोड़ा सा समझा है और जो मेरा अनुमान है वो ये है कि ये या तो आयुर्वेदिक बीजों का तेल लगा रहे हैं या फिर कुछ एलोपैथी में भी ऐसे DNCP और DCP जैसे टॉपिकल इम्यूनोथेरेपी मटीरियल आते हैं, उनका यूज कर रहे हैं.'

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डॉक्टर ने क्या राय दी?

'इसे लगाने के 10 से 15 मिनट बाद आपको साफ कर लेना होता है नहीं तो सिर पर तेज जलन तेज खुजली होती है और स्किन भी जल सकती है. ये हर पंद्रह से बीस दिन में एक बार लगाया जाता है.' 

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'एलोपेशिया एरियाटा नाम की एक बीमारी है जिसको आयुर्वेद में इंद्र लुप्त भी कहा जाता है और उस पर कई आयुर्वेद में भी एलोपैथिक स्टडी भी हुई हैं.  

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'आयुर्वेद में कुछ सीड्स होते हैं जिन्हें गुंजा सीड्स बोलते हैं और इनके अलावा कुछ और भी सीड्स होते हैं जिनके लेप या चूर्ण से सिर की त्वचा के ऊपर तेज जलन मचती है. इससे जो हमारे सिर के जो खराब इम्यूनिटी सेल्स होते हैं वो थोड़े से कम हो जाते हैं और इसी वजह से एलोपेशिया एरियाटा हेयर लॉस में मदद मिल सकती है.'

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'अगर किसी के पारंपरिक तरीके से बाल नहीं आते हैं या एलोपेशिया एरियाटा की बहुत अधिक समस्या है तो फिर हम इस पद्धति का यूज करते हैं. ये कोई नई चीज नहीं है.'

'ये काफी सालों से उपयोग की जा रही है और इसीलिए ये थोड़ा सा इंटरनेट पर वायरल होने के लिए इस तरह से एक सीक्रेसी फॉर्मूला की तरह ये इसको यूज कर रहे हैं.' 

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'ये मेरा अनुमान है कि ये वही केमिकल्स या आयुर्वेदिक तेल हो सकते है जो कई सालों से उपयोग किए जा रहे हैं. इसे 15 दिन में लगाते हैं और कुछ महीनों में प्रभावित एरिया में इंप्रूवमेंट दिखने लगता है.'

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'जो नॉर्मल पुरुषों में गंजापन है या जो औरतों का जो नॉर्मल हेयर लॉस है, उसमें ये सहायक नहीं होता है इसलिए आपको जो भी रिजल्ट दिखते हैं वो एलोपेशिया एरियाटा में ही दिखते हैं.'

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'सावधान करने वाली बात ये है कि ये सिंपल केमिकल्स नहीं है. ये बहुत टॉक्सिक कैमिकल्स हैं. अगर ये आंख में चले जाएं या ये बहुत देर तक स्किन पर रह जाएं तो इनके काफी साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, आंखों में जलन, विजन धुंधली हो सकती है, तेज खुजली के कारण घाव हो सकती हैं जिससे बाद में आपको ट्रीटमेंट या स्टेरॉइड्स भी लेने पड़ सकते हैं.'

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डॉक्टर ने बताए साइड इफेक्ट

'मेरी सलाह है कि अगर आप बालों के लिए किसी भी चीज का इस्तेमाल कर रहे हैं या करना चाहते हैं तो पहले उसके बारे में सारी जानकारी लें कि आखिर ये क्या है, इसके क्या फायदे हैं, क्या नुकसान हैं और तभी इसको इस्तेमाल करें. ना की बस एक लोगों के देखा देख या इंटरनेट सेंसेशन व्यक्ति के प्रचार के कारण उसका इस्तेमाल करने लगें.' 

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