देश-दुनिया में कई ताकतवर पहलवान हुए हैं. भारत में भी पहलवानी या कुश्ती का खेल सालों पहले से चला आ रहा है. जहां एक ओर पुरुष कुश्ती लड़ा करते थे वहीं कुछ महिलाओं ने भी पहलवानी में काफी नाम कमाया.
सभी ने 'दंगल' फिल्म की कहानी भी सुनी ही होगी जिसमें दो भारतीय महिला पहलवानों की स्टोरी बताई गई है.
1950 के दशक में भी जब महिला पहलवानों को कुश्ती लड़ना काफी मुश्किल था तब देश में एक महिला पहलवान उभरकर सामने आईं.
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की इस महिला पहलवान का नाम हमीदा बानो था, जिनकी उम्र 32 साल थी.
हमीदा ने पुरुष पहलवानों को चनौती देते हुए कहा था, "जो मुझे दंगल में हरा देगा, वह मुझसे शादी कर सकता है."
भारत की पहली महिला प्रोफेशनल पहलवान के रूम में फेमस होने के बाद हमीदा ने कई पहलवानों को हराया.
हमीदा काफी ताकतवर थीं क्योंकि उनकी लंबाई, वजन और खानपान काफी अच्छा था.
हमीदा की डाइट इतनी थी कि आज के समय में अच्छे-अच्छे लोग इतना खाना हजम नहीं कर पाएंगे.
हमीदा रोजाना साढ़े पांच किलो दूध, सवा दो लीटर फलों का जूस, पौने तीन किलो सूप लेती थीं.
इसके अलावा हमीदा की डाइट में एक देसी मुर्गा, एक किलो मटन, 450 ग्राम मक्खन, 6 अंडे, एक किलो बादाम, 2 बड़ी रोटियां और 2 प्लेट बिरयानी खाती थीं.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वह रोजाना 9 घंटे सोती थीं और 6 घंटे एक्सरसाइज करती थीं.
हमीदा की तुलना उन दिनों अमेरिका की मशहूर पहलवान 'अमेजॉन' से हुई थी इसलिए उन्हें अलीगढ़ की अमेजॉन कहा जाने लगा था.
हमीदा लाहौर के मशहूर गामा पहलवान से लड़ने वाली थीं लेकिन आखिरी समय पर गामा पहलवान ने हमीदा से कुश्ती लड़ने से मना कर दिया था.
1954 में हमीदा ने दावा किया था कि वह 320 दंगल जीत चुकी थीं.
कुछ समय बाद हमीदा कुश्ती के दंगल से गायब हो गईं और उनका नाम इतिहास बन गया.