सिरदर्द काफी कॉमन समस्या है. हर किसी को किसी न किसी कारण से सिरदर्द का सामना करना ही पड़ता है.
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लैंसेट स्टडी के 2019 के डेटा के मुताबिक, भारत में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में सिरदर्द संबंधी बीमारियां (माइग्रेन और डिप्रेशनआदि) सबसे कॉमन थीं. इससे करीब 48.8 करोड़ भारतीय प्रभावित थे.
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कई बार सिरदर्द को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है. हाल ही में 52 साल के एलन कैंपबेल को सिरदर्द को अनदेखा करना इतना भारी पड़ गया कि उनकी मौत हो गई है.
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दरअसल, एलन को लंबे समय से सिरदर्द हो रहा था लेकिन जब उन्हें सिरदर्द का कारण पता चला तो कुछ ही सप्ताह बाद उनकी मृत्यु हो गई.
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एलन को सिरदर्द के साथ एंग्जाइटी और भूलने की भी समस्या होने लगी थी. मौत के 9 हफ्ते पहले ही उन्हें पता चला था कि उन्हें स्टेज 4 ग्लियोब्लास्टोमा ब्रेन ट्यूमर था.
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ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफॉर्म (जीबीएम) को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है, इसलिए जान लीजिए ग्लियोब्लास्टोमा क्या है और इससे कैसे बचा जाए.
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ग्लियोब्लास्टोमा तेजी से बढ़ने वाला मस्तिष्क ट्यूमर है जो कैंसर की निशानी होता है. इन ट्यूमर्स को हाई ग्रेड या ग्रेड 4 के रूप में बताया जाता है.
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क्या है ग्लियोब्लास्टोमा?
सिर दर्द, याददाश्त कमजोर होना, बोलने में परेशानी, डिप्रेशन, थकान, मसल्स में कमजोरी, भूख खत्म होना, सोचने में कठिनाई, याददाश्त कमजोर होना इसके लक्षण हो सकते हैं.
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लक्षण
वैज्ञानिक पूरी तरह से यह नहीं समझ पाए हैं कि ग्लियोब्लास्टोमा का कारण क्या है इसलिए इस बीमारी को रोकने का कोई सटीक तरीका भी नहीं है.
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अगर किसी को लंबे समय तक ऊपर बताए हुए लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर्स, MRI, CT scan या Biopsy से इसके बारे में पता लगाते हैं.
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अगर आपको लंबे समय तक कोई लक्षण दिख रहे हैं तो सिरदर्द को बंद करने के लिए गोली न खाएं बल्कि डॉक्टर संपर्क करे्.
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