जो लोग वजन कम करना चाहते हैं वे लोग अक्सर इस कन्फ्यूजन में रहते हैं कि वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी कम खानी चाहिए.
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दरअसल, यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं या शरीर की चर्बी कम करना चाहते हैं तो आपको कैलोरी खाने की अपेक्षा उसे बर्न अधिक करने की जरूरत होती है. अगर वह शरीर की जरूरत के बराबर ही कैलोरी खाएगा तो उसे मेंटेनेंस कैलोरी बोलते हैं.
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मेंटनेंस कैलोरी वो होती है, जिससे आपका वजन न तो बढ़ेगा और न ही कम होगा. उदाहरण के लिए अगर आपके शरीर को 2000 कैलोरी की जरूरत है और आप इतनी कैलोरी खाएंगे तो न वजन बढ़ेगा, न कम होगा.
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जरूरत से कम कैलोरी खाने के कैलोरी डेफेसिट कहते हैं. आप जो खाने खाते हैं, उसमें कटौती करके या फिर फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाकर कैलोरी डेफेसिट में रहा जाता है.
वहीं अगर आपके शरीर की मेंटनेंस कैलोरी 2000 है और अगर आपको वजन कम करना है तो 2000 से कम कैलोरी खानी होंगी. उसे कैलोरी डेफिसिट कहा जाएगा.
'एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स का सुझाव है कि वयस्क महिलाओं को प्रतिदिन 1600 से 2400 कैलोरी के बीच भोजन करना चाहिए, जबकि पुरुषों को 2000 से 3200 कैलोरी लेना चाहिए.
द स्मॉल चेंज डाइट के लेखक केरी गन्स (Keri Gans), आरडी कहते हैं, 'यदि आप हर हफ्ते लगभग एक पाउंड वजन कम करना चाहते हैं तो आप मेंटेनेंस कैलोरी से 500 कैलोरी कम खाएं.'
'एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स का कहना है कि कैलोरी की लोअर लिमिट यानी महिलाओं के लिए 1600 और पुरुषों के लिए 2000 से कम कैलोरी लेने को हेल्दी नहीं माना जाता इसलिए अधिक कैलोरी डेफिसिट में न रहें.
मेडिकल न्यूज टुडे का कहना है, 'मेंटेनेंस कैलोरी से 500 कम खाना, कैलोरी डेफिसिट में रहने का सबसे अच्छा तरीका है. हर हफ्ते करीब 2 पाउंड यानी 900 ग्राम से अधिक वेट लॉस से बचना चाहिए.'
रिसर्च बताती हैं कि अगर कोई 500 कैलोरी कम खाता है तो उसका 1 हफ्ते में 450 ग्राम वजन कम होगा. इसमें आपका वजन, फिजिकल एक्टिविटी, हेल्थ कंडिशन भी निर्भर करती हैं.
'अगर कोई अधिक कैलोरी कट करता है तो उसे पर्याप्त न्यूट्रीएंट्स नहीं मिलेंगे जिससे हेल्थ प्रॉब्लम्स आने लगेंगी.'
'अगर कोई अधिक कैलोरी कट करता है तो उसे पर्याप्त न्यूट्रीएंट्स नहीं मिलेंगे जिससे हेल्थ प्रॉब्लम्स आने लगेंगी. जैसे एनर्जी में कमी, स्लो मेटाबॉलिज्म, पथरी, हड्डियों का घनत्व कम होना आदि.'