14 Mar 2023
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बढ़ा हुआ वजन आज के समय में काफी बड़ी समस्या हो गई है. अधिक उम्र के लोगों से लेकर कम उम्र के लोगों में भी इसके लक्षण देखा जा रहे हैं.
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हाल ही में द लैंसेट में पब्लिश हुए एक ग्लोबल एनालेसिस में पाया गया है कि देश में 5 से 19 वर्ष की उम्र के 1.25 करोड़ बच्चे (70.3 लाख लड़के और 50.2 लाख लड़कियां) 2022 में अत्यधिक अधिक वजन वाले थे. यह डेटा 1990 के डेटा से 4 लाख अधिक था.
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रिपोर्ट में बच्चों और वयस्कों में 1990 की अपेक्षा तीन प्रतिशत से अधिक वृद्धि दिखाई गई थी.
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ये तो हुई इंडिया की बात, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में कितने लोग मोटापे से ग्रसित हैं.
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द लैंसेट जर्नल में पब्लिश एक एनालेसिस के मुताबिक, दुनिया भर में 1 अरब से अधिक बच्चे और वयस्क मोटापे का शिकार हैं.
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एनालेसिस के सीनियर राइटर और इंपीरियल में प्रोफेसर डॉ. माजिद इज्जती ने कहा, 'ये आंकड़ा चौंकाने वाला है. वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के पिछले अनुमानों से पता चलता है कि 2030 तक 1 अरब लोग मोटापे का शिकार होंगे लेकिन 2022 में यह संख्या पहले ही पार हो चुकी थी.'
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WHO के 1,500 से अधिक रिसर्चर्स ने ग्लोबल एलानेसिस में 190 से अधिक देशों के 22 करोड़ से अधिक लोगों की ऊंचाई और वजन का एनालेसिस किया था.
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विश्लेषण में कम वजन और मोटापे की दर पर फोकस किया था क्योंकि दोनों ही कुपोषण का रूप हैं जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 से अधिक या उसके बराबर था उन्हें मोटापे की कैटेगरी में रखा गया था.
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एनालेसिस का अनुमान है कि 2022 में लगभग 88 करोड़ वयस्क और 15.9 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार थे. दुनिया भर में बच्चों और किशोरों के बीच मोटापे की दर 1990 से 2022 तक चार गुना बढ़ गई है जबकि वयस्कों में मोटापे की दर दोगुनी से अधिक हो गई.
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एनालेसिस के मुताबिक, दुनिया के दो-तिहाई देशों में मोटापे की दर अब कम वजन की दर से अधिक है.
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डब्ल्यूएचओ चीफ डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने कहा, 'मोटापे पर अंकुश लगाने के लिए सरकारों और कम्यूनिटीज को साथ आना होगा जिसे डब्ल्यूएचओ और नेशनल पब्लिक हेल्थ एजेंसियों का समर्थन मिलेगा.'
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