2 Oct 2024
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फैट बढ़ना और शुगर बढ़ना आज के समय में सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. अधिक उम्र के साथ-साथ कम उम्र के लोग भी इनसे परेशान हैं.
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फैट कम करने और शुगर कम करने के लिए लोग अपनी डाइट पर कंट्रोल करते हैं और एक्सरसाइज भी करते हैं.
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लेकिन हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है जिसमें फैट कम करने और शुगर को कम करने का तरीका बताया है.
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30 सितंबर को एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में पब्लिश एनालेसिस के मुताबिक,रोजाना 8 से 10 घंटे के गैप में भोजन और नाश्ता करने से वेट मैनेजमेंट और ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद मिल सकती है.
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इंटरमिटेंट फास्टिंग में यह नहीं बताया जाता कि आप क्या खाते हैं, बल्कि इस बात पर जोर दिया जाता है कि आप कब खाते हैं.
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नई रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों ने तीन महीने तक फास्टिंग की, उनका वजन उन लोगों की तुलना में अधिक कम हुआ जिन्होंने फास्टिंग नहीं की.
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यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन और साल्क इंस्टीट्यूट की एक रिसर्च टीम यह पता करना चाहती थी कि फास्टिंग मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है या नहीं.
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रिसर्चर्स ने 3 महीने तक मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीड़ित 108 लोगों पर रिसर्च की जिनकी उम्र 50 साल के आसपास थी.
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रिसर्च के आखिरी तक दोनों ग्रुप्स ने वजन कम किया. हालांकि, जिन्होंने इंटरमिटेंट फास्टिंग की थी उनका वजन अधिक कम हुआ था. शरीर से फैट परसेंट कम हुआ था.
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इन लोगों में ब्लड शुगर और HbA1c भी काफी अच्छे लेवल पर पाए गए जो एवरेज ब्लड शुगर की माप होती है.
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एक्सपर्ट ने कहा कि फास्टिंग के कारण आप कम खाते हैं और यह वजन कम करने में इसलिए ही मदद करता है.
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फास्टिंग का एक अन्य संभावित फायदा यह है कि यह आपके शरीर की प्राकृतिक आंतरिक घड़ी, जिसे सर्केडियन रिदम के रूप में जाना जाता है से जुड़ने में मदद करता है.
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अगर आप भी वजन कम करना चाहते हैं या शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो एक्सपर्ट की सलाह लेकर इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं.
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