हर पेरेंट्स अपने बच्चे की सही देखभाल और उन्हें सपोर्ट करना चाहते हैं. लेकिन कई बार पेरेंट्स अच्छा करने के चक्कर में और बच्चों को सही राह पर लाने के लिए कुछ चीजें ऐसी कर बैठते हैं जिससे आपके बच्चे को दुख पहुंच सकता है.
अक्सर जब भी बच्चे कोई गलती करते हैं तो पेरेंट्स उन्हें सुधारने के लिए उनकी आलोचना करनी शुरू कर देते हैं. इससे बच्चे के आत्म विश्वास पर काफी बुरा असर पड़ता है और वे खुद को लेकर एक नेगेटिव इमेज बना लेते हैं.
बच्चे की भावनाओं को ना समझना या समझते हुए भी उन्हें इग्नोर करने से बच्चा दुखी हो सकता है और इससे उसकी ग्रोथ पर भी बुरा असर पड़ता है.
बच्चों के लिए अनुशासन काफी जरूरी होता है लेकिन बेफिजूल के नियम बनाने से बच्चे कंफ्यूज हो सकते हैं. बच्चों की हेल्दी डेवलपमेंट के लिए जरूरी है कि नियमों को क्लियर रखें.
बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे या खुद के भाई बहन से करने पर बच्चे के मन में जलन की भावना पैदा होने लगती है.
बच्चे की प्राइवेसी और पर्सनल स्पेस की इच्छा को ना समझना उन्हें हिंसक बना सकता है.
बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटेक्ट और कंट्रोल करना उनकी आजादी को रोक सकता है.
बच्चों से अवास्तविक उम्मीदें रखने से उनके ऊपर एक प्रेशर बनता है. ऐसे में बच्चे से केवल उतनी ही उम्मीदें रखें जितनी वह पूरी कर सकें.
हर पेरेंट्स की स्वाहिश होती है कि जो काम वो खुद नहीं कर पाए वो काम उनका बच्चा करें. इससे बच्चे के व्यक्तित्व पर बुरा असर पड़ सकता है. बच्चे के सपनों को सपोर्ट करें.