ज्यादातर भारतीय घरों में सुबह नाश्ते में पराठे खाना आम बात है. ये पराठे आलू से लेकर मेथी, गोभी, पनीर और तरह-तरह की चीजों से बने होते हैं. कई लोग सादे पराठे भी चाय के साथ खाते हैं.
वहीं, कई लोगों के लिए तो सुबह के नाश्ते का मतलब पराठा ही होता है.
आमतौर पर ये धारणा है कि नाश्ते में ब्रेड, पापे, बिस्किट, नमकीन और बाहर की तली-भुने चीजों की जगह पराठे हेल्दी विकल्प होता है.
लेकिन सदियों से नाश्ते में पराठा खाने की चली आ रही प्रथा क्या वास्तव में इस समय के लिहाज से ठीक है और क्या पराठे वाकई हेल्दी हैं.
कुछ समय पहले लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में देश के जाने-माने लिवर स्पेशलिस्ट एस.के. सरीन ने इसका जवाब दिया था.
उन्होंने कहा था, 'सुबह पराठे खाने का समर्थन मैं नहीं करता. क्योंकि पराठा हैवी होता है.'
उन्होंने कहा था, 'नाश्ता हमेशा हल्का और हेल्दी होना चाहिए.'
उन्होंने बताया, 'पुराने जमाने में लोग पराठे, घी, गुड़ जैसी चीजें खाते थे, उनको कोई बीमारी नहीं होती थी लेकिन अगर आप इस समय वही सब चीजें खाएंगे लेकिन कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करेंगे तो वो ठीक नहीं है.'
'वो उस समय जितनी मेहनत करते थे, वो उतना खा सकते थे. ये सब चीजें उस समय की मेहनत के लिहाज से ठीक थीं. लेकिन अगर आप इतनी मेहनत नहीं कर रहे हैं तो एहतियात से खाएं.'