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कई बार ऐसा होता है कि पिता-पुत्र में किसी बात को लेकर अनबन हो जाती है. कभी-कभी यंग और ओल्ड जनरेशन के बीच चीजों को लेकर भी बात बिगड़ जाती है.
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ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने हाल ही में बताया है कि एक उम्र के बाद बाप और बेटे की आपस में बनने क्यों बंद हो जाती है. इसके पीछे क्या कारण हैं.
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एक इंटरव्यू के दौरान फिल्म निर्देशक करण जौहर ने जब उनसे पूछा, 'बाप और बेटे के बीच एक स्वाभाविक दूरी क्यों होती है? इस रिश्ते में क्यों हमेशा एक तनाव की स्थिति बनी रहती है.'
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इसका जवाब देते हुए सद्गुरु ने कहा, 'बात बाप और बेटे की है ही नहीं. ये बस दो आदमियों के बीच एक ही घर में रहने की बात है.'
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उन्होंने कहा, 'जब आप 9-10 साल के थे तब आपके पिता भगवान की तरह थे. ये प्रॉब्लम शुरू कहां हुई? यह प्रॉब्लम शुरू हुई आपके 15-16 वर्ष की उम्र का होने के बाद.'
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सद्गुरु आगे कहते हैं, 'इस उम्र के बाद आप एक वयस्क बनना चाहते हैं लेकिन पर्याप्त जगह नहीं है. यह बड़ा आदमी कुछ ज्यादा ही जगह ले रखा होता है.'
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जबकि दूसरा आदमी सोचता है ये तो मेरी जगह है यह कौन है. यहां पर एक दूसरे को बाप-बेटे की तरह नहीं पहचान पाते हैं क्योंकि यहां कोई बाप या बेटा नहीं रहा है. अब यहां एक ही घर में दो आदमी हैं.
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सद्गुरु कहते हैं, 'यह समस्या बाप और बेटे की नहीं है. बल्कि, समस्या दो आदमियों की एक जगह और एक महिला को बांटने की कोशिश है. यह महिला जो एक की पत्नी और दूसरे की मां है.'
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