बैठने या खड़े होने पर घुटने से आती है कट-कट की आवाज? हड्डी के डॉक्टर ने बताया राम बाण इलाज

घुटना हमारे शरीर का सबसे मुख्य अंग होता है. यह लोअर बॉडी का सेंट्रल पार्ट होता है जहां दो महत्वपूर्ण हड्डियां फीमर और टिबिया आकर मिलती हैं.

शरीर का मुख्य अंग

घुटने के अंदर एक छोटी हड्डी होती है जिसे पटेला या नीकैप कहा जाता है. अगर घुटने में झटका लग जाए या चोट लग जाए तो असहनीय दर्द तो होता ही है लेकिन कई बार सर्जरी या नी-रिप्लेसमेंट तक की नौबत आ जाती है.

घुटने के हिस्से

बढ़ती उम्र के साथ घुटने कमजोर होना आम बात है लेकिन कई लोगों को कम उम्र में भी घुटने संबंधित शिकायतें होने लगती हैं.

घुटने संबंधित समस्याएं में एक सबसे कॉमन समस्या है कि जब भी कोई बैठता या खड़े होता है तो उसके घुटने में से कट-कट या बबल्स फूटने जैसी आवाज आती है.

इसे आम भाषा में घुटना चटकना भी कह सकते हैं. लेकिन क्या यह आवाज चिंता का कारण है? इस बारे में जान लीजिए.

येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के ऑर्थोपेडिक सर्जन डैनियल विजनिया का कहना है, 'घुटनों का चटकना या क्लिक करना एक आम बात है, खास तौर पर उम्र बढ़ने के साथ. घुटनों से ऐसी आवाज आने के कई कारण हैं, जिनमें कैविटेशन भी शामिल है.

'कैविटेशन तब होता है जब दो सतहें मिलकर वैक्यूम बनाती हैं. घुटनों से आवाज तब आती है जब दो संयुक्त सतहें अलग हो जाती हैं और संयुक्त लिक्विज लगभग एक गैस की तरह बन जाता है.'

'यदि चटकने या चटकने की आवाज के साथ दर्द, सूजन, जोड़ों में कंपन, घुटने के अंदर कुछ हिलने या घुटने में अकड़न महसूस होती है तो ही यगह गंभीर समस्या होती है.'

'अगर किसी को ऐसे लक्षण दिखते हैं तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह मेनिस्कस के फटने, कार्टिलेज डैमेज, गठिया या चोट के कारण टिश्यूज के मोटे हो जाने जैसी कई समस्याओं से जुड़ा होता है.'

'कुछ मामलों में, क्लिकिंग की आवाज एवैस्कुलर नेक्रोसिस का संकेत हो सकती है जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डी में खून की आपूर् रुकने लगती है और हड्डी डेड हो जाती है.'

'घुटने की क्लिक ध्वनि क्रेपिटस का भी संकेत हो सकती है, जो तब होती है जब कार्टिलेज घिस जाता है और हड्डी की दो सतहें एक दूसरे से घिसती हैं.'

विज़निया के मुताबिक, 'सभी गठिया दर्दनाक नहीं होते या उन्हें ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती. नॉन-ऑपरेटिव तरीकों जैसे नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, फिजिकल थेरेपी और इंजेक्शन से भी इसे ठीक किया जा सकता है.'