हर कोई लंबी उम्र पाना चाहता है और इसके लिए वह अपने आपको स्वस्थ रखने की हर मुमकिन कोशिश करता है.
लंबी उम्र पाने में आपकी सेहत का सबसे बड़ा योगदान होता है. ब्लू जोन के रिसर्चर डेन ब्यूटेन का कहना है कि अगर किसी की फिटनेस अच्छी है और वह स्वस्थ रहता है तो वह लंबी उम्र जी सकता है.
लंबी उम्र पाने में आपकी डाइट, खान-पान, फिजिकल एक्टिविटी, स्लीपिंग पैटर्न, स्ट्रेस लेवल आदि पर भी ध्यान देना चाहिए.
2007 में भारत सरकार द्वारा मेडिकल साइंस के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. शिव कुमार सरीन ने अपनी बुक OWN YOUR BODY में दीर्घायु होने यानी लंबी उम्र पाने के तरीके बताए हैं.
डॉ. सरीन ने अपनी बुक के सातवें सेक्शन में बताया है कि कौन सी 4 चीजों को फॉलो करके इंसान दीर्घायु पा सकता है. तो जानते हैं उन तरीकों को जिन्हें डॉ. सरीन ने अपनी बुक में 4 लाइफ लाइन बताया है और उनसे लंबी उम्र पाने में मदद मिल सकती है.
डॉ. सरीन ने बुक में बताया है कि आप 40-50 मिनट की एक्सरसाइज कर सकते हैं. नॉर्मल रूप से सभी को अपनी रेस्टिंग हार्ट रेट का 50-70 प्रतिशत तक का गोल रखना चाहिए.
स्वस्थ लोगों के लिए, हर दिन तीस से चालीस मिनट और सप्ताह में कम से कम छह दिन मीडियम से इंटेंस एक्सरसाइज की जरूरत होती है.
मीडियम इंटेंसिटी में तेज चलना और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज आती हैं. तेज इंटेंसिटी में वो एक्सरसाइज आती हैं जिनसे सांस लेने में कठिनाई होने लगे या हार्ट रेट बढ़ जाए. जैसे जॉगिंग, एरोबिक डांस या चढ़ाई पर साइकिल चलाना.
डॉ. सरीन ने लिखा, 'भोजन के सिद्धांत जो हर किसी को पता होने चाहिए वो हैं, कितना खाना चाहिए, क्या खाना चाहिए और कब खाना चाहिए. कितना खाना है यह इस पर निर्भर करेगा कि आप वजन मेंटेन रखना चाहते हैं, कम करना चाहते हैं या बढ़ाना चाहते हैं.'
वजन मेंटेन करने के लिए 'कैलोरी इन इक्वल्स कैलोरी आउट' का सरल फॉर्मूला काम करता है. वजन बढ़ाने के लिए मेंटेनेंस कैलोरी से अधिक खाने की जरूरत होती है और कम करने के लिए कम खाने की.
'1992 में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, यूएसए द्वारा पब्लिश हुई एक बुक 'ईट फॉर लाइफ' बुक में नेचुरल, कच्चे भोजन खाने को अच्छी हेल्थ की सबसे बड़ी कुंजी बताया है.'
सिरीन ने लिखा है, 'मैं इस लिस्ट में रंगीन सब्जियों को भी जोड़ूंगा क्योंकि हरे या रंगीन फल-सब्जियां प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट का सोर्स होती हैं जो ब्लड के फ्री रेडिकल्स को बेअसर करती हैं जो पूरे शरीर में सूजन पैदा करते हैं.'
'बुक में लिखा है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए सब्जियां, अंकुरित अनाज, सलाद और कम चीनी वाली चीजें और फल खाना सबसे अच्छा है. रोजाना कम सब्जियों और फलों की कम से कम 5 या उससे अधिक सर्विंग लेनी चाहिए जिसमें हरी और पीली सब्जियां और खट्टे फल शामिल हों.'
दिनचर्या आपको सूर्य और आपकी बॉडी की इंटरनल क्लॉक के मुताबिक एक्टिविटी की प्लानिंग करने में मदद करती है. आयुर्वेद में सदियों से इसी अवधारणा पर जोर दिया गया था. इसमें आपके जागने का समय, नहाने, एक्सरसाइज, प्रेयर, खाने, काम और नींद के बारे में रूटीन होता है.
अगर आप क्रोनोडिसरप्शन या शरीर की घड़ी से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं तो आपका वजन बढ़ सकता है और आपको मूड और नींद संबंधी डिसऑर्डर हो सकते हैं जिससे आप अनहेल्दी हो जाएंगे.
आयुर्वेद के अनुसार, एक स्वस्थ और सुसंगत दिनचर्या से शरीर को प्रकृति के चक्रों के अनुरूप रहने की अनुमति मिलती है, जिससे अच्छी हेल्थ मिलती है. इसमें सूर्योदय से 2 घंटे पहले उठना और शाम को सूर्यास्त के बाद कुछ ना खाना है. सभी को कम से कम 8 घंटे की गहरी नींद भी लेनी चाहिए.
चौथी और सबसे कम महत्वपूर्ण लाइफ लाइन हैं दवाइयां. इसे अंतिम लाइफ लाइन मानें और इस पर तभी जाएं जब पहले की तीन सफल ना हो सकें.