खराब खानपान, बदलती लाइफस्टाइल, अधिक ड्रिंकिंग-स्मोकिंग और अन्य कारणों से कम उम्र के महिला-पुरुष भी इससे प्रभावित होने लगे हैं.
आमतौर पर ये मान्यता सालों से चली आ रही थी कि महिला की इन्फर्टिलिटी के कारण वह मां नहीं बन सकती लेकिन यह सच नहीं है. पुरुष की इन्फर्टिलिटी के कारण भी ऐसा होता है.
हालांकि पुरुषों में इन्फर्टिलिटी के लक्षण शरीर में फिजिकल रूप से दिखाई नहीं देते लेकिन उनका स्पर्म काउंट कम हो जाता है.
पुरुषों में इन्फर्टिलिटी के कारण खराब लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, स्मोकिंग, ड्रिंकिंग हो सकते हैं.
हाल ही में IVF विशेषज्ञ डॉ. गौरी अग्रवाल (Dr. Gauri Agarwal) एक पॉडकास्ट में पहुंचीं, जहां उन्होंने बताया कि जिम में प्रोटीन पाउडर लेने वालों के स्पर्म काउंट पर कैसा असर हो सकता है.
डॉ. गौरी से पूछा गया, 'कई लोग जिम में व्हे प्रोटीन पाउडर लेते हैं, क्या उन प्रोटीन का असर भी स्पर्म काउंट पर होता है?'
इस सवाल के जवाब में डॉ. गौरी ने कहा, 'ऐसे में हमें वो प्रोटीन्स को चेक करना चाहिए. क्योंकि कुछ प्रोटीन्स में क्रिएटनाइन काउंट बढ़ा देता है तो वो आपकी किडनी पर असर कर सकता है.'
'कुछ प्रोटीन सेफ होते हैं. अच्छे स्तर पर एक्सरसाइज आपके शरीर के लिए अच्छी होती है लेकिन इन चीजों के अधिक यूज से नुकसान हो सकता है.'
WHO के अनुसार पुरुष के सीमन में 15 मिलियन स्पर्म शुक्राणु प्रति एम एल होने चाहिए.
यदि पुरुषों के प्रति मिली लीटर सीमेन में शुक्राणुओं की संख्या 15 लाख से कम है या इजेक्युलेशन के दौरान कुल शुक्राणुओं की संख्या 39 लाख से कम हो तो ये पुरुष की इन्फर्टिलिटी का संकेत हो सकता है.