23 Sep 2024
सांकेतिक फोटो, Credit: Whatsapp/MetaAI
गुजरात राजा-महाराजाओं की समय की सबसे बड़ी सल्तनों में से एक थी. वहां एक सुल्तान हुआ करता था, जिसका नाम महमूद शाह (प्रथम) था.
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महमूद शाह को गुजरात सल्तनत का सबसे शक्तिशाली शासक माना जाता है. उसे महमूद बेगड़ा नाम से भी जानते थे.
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बताया जाता है कि महमूद बेगड़ा का शासन 53 साल (1458-1511) तक चला था जो गुजरात का सबसे लंबा शासनकाल था.
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महमूद बेगड़ा के बारे में बताया जाता है कि वह काफी ताकतवर था और उसे भूख काफी अधिक लगती थी. वह खाने का काफी शौकीन था और काफी अधिक खाना खाता था.
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महमूद बेगड़ा के बारे में बताया जाता है कि वह रोजाना 35 से 37 किलो खाना खाता था. उसके नाश्ते में 1 कप शहद, 1 कटोरी मक्खन और करीब 150 केले होते थे. पर्शियन किताब मिरात-ए-सिकंदरी और मिरात-ए-अहमदी में इसका जिक्र है.
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फारसी इतिहासकारों, बरबोसा और वर्थेमा जैसे यूरोपीय यात्रियों ने भी महमूद बेगड़ा की खुराक के बारे में जिक्र किया था.
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महमूद बेगड़ा रोजाना 4.6 किलो मिठाई खाता था जिसे सूखे चावल से बनाया जाता था.
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महमूद बेगड़ा जब सोता था तो उसके सिर के दोनों तरफ खाना रखा जाता था ताकि उसे भूख लगे तो वह खा सके. खाने में चिकन-मटन के समोसे होते थे.
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सत्रहवीं सदी के व्यंग्यकार सैमुअल बटलर की 'हुडिब्रास' - 'कैम्बे के राजकुमार का दैनिक भोजन / एस्प, बेसिलिस्क और टोड' किताब में सुल्तान की जहर खाने के बारे में भी लिखा हुआ है.
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यूरोपीय इतिहासकारों के अनुसार, दरअसल, एक बार सुल्तान को किसी ने जहर देने की कोशिश की थी. इसके बाद से उन्हें रोजाना थोड़ी-थोड़ी मात्रा में जहर दिया जाता था ताकि उनका शरीर उसका आदि हो जाए.
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हो सकता है कि इस बात को बढ़ा-चढ़ाकर भी लिखा गया हो लेकिन कहीं न कहीं कुछ सच्चाई होगी. इससे इनकार नहीं किया जा सकता.
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