बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं जिनमें से कुछ बड़े होकर देश चलाते हैं जबकि कुछ देश को आगे बढ़ाने का काम में अपना योगदान देते हैं.
ऐसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि बच्चे ऐसे वातावरण में बड़े हों जिसे वह स्मार्ट बनने के साथ ही ईमानदार भी बनें, ताकि वह सामने आने वाली किसी भी जिम्मेदारी को आसानी से पूरी कर सकें.
ईमानदारी से सामने वाला इंसान आपके ऊपर भरोसा करता है जबकि स्मार्टनेस से जीवन की मुश्किलों से निपटने में मदद मिलती है. हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिनसे बच्चे स्मार्ट और ईमानदार बन सकते हैं.
बच्चों को ईमानदार और स्मार्ट बनाने के लिए जरूरी है कि आप भी उनके साथ ईमानदार रहें. साथ ही जरूरी है कि आप भी अपनी गलती मानें. पेरेंट्स को देखकर ही बच्चे सीखते हैं. ऐसे में अगर आप ईमानदार रहेंगे तो बच्चे भी आगे चलकर ईमानदार बनेंगे.
पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वह बच्चों के लिए एक ऐसा वातावरण बनाएं जिससे बच्चे नए टॉपिक्स पर सवाल पूछ सके. बच्चे हर दिन कुछ नया सीखते हैं ऐसे में जरूरी है कि आप उन्हें सवालों से दूर ना रखें.
जरूरी है कि आप बच्चों को किताबें पढ़ने दें, उनसे किसी टॉपिक पर चर्चा करें और उनके मन में पैदा होने वाली जिज्ञासा का समर्थन करें. इसके साथ ही बच्चों से सवाल पूछकर उन्हें गंभीर रूप से सोचने के लिए प्रोत्साहित करें.
जरूरी है कि आप बच्चों को चुनौतियों का सामना करना सिखाएं. बच्चों को भी सिखाएं कि उनके किस काम को करने के क्या परिणाम हो सकते हैं. बच्चों को कोई भी फैसला खुद से लेने में मदद करें. इससे उनकी निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी.
जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों के लिए एक ऐसा वातावरण बनाएं जिससे वह अपनी बात कहने और भावनाओं को व्यक्त करने में सेफ महसूस करें. जरूरी है कि आप बच्चे को खुलकर बात कहने का मौका दें. बच्चों की भावनाओं का सम्मान करें.
बच्चे अपने बड़ों से ही चीजें सीखते हैं. ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को सच बोलने का महत्व सिखाया जाए. उनके साथ सच्चा, विश्वसनीय और सिद्धांतवादी होने के महत्व पर चर्चा करने का प्रयास करें. उन्हें बताएं कि कैसे ईमानदारी व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह के रिश्तों में विश्वास की नींव बनाती है.