7 Oct 2024
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वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के वीडियोज सोशल मीडिया पर काफी पसंद किए जाते हैं और लोग उनसे काफी कुछ सीखते भी हैं.
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प्रेमानंद महाराज रात में 12.30 बजे उठते हैं और 2 बजे राधा केलीकुंज के लिए निकल जाते हैं. उन्होंने एक वीडियो में बताया है कि वह पानी भी काफी मुश्किल से पी पाते हैं.
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प्रेमानंद महाराज ने जो पात्र बताया है, वह चाय वाली कुल्हड़ से भी छोटा है. अब मानकर चलिए उसमें लगभग 50 मिली पानी आता होगा और एक स्टील के गिलास में 25-300 मिली. यानी उन्हें एक स्टील का गिलास पानी पीना भी मुश्किल है.
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प्रेमानंद महाराज ने कुछ दिन पहले अपने एक वीडियो में बताया, 'हमें ज्यादा पानी पीना मना है.'
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'डायलिसिस होता है तो उसमें पानी पीने की मनाही होती है. लेकिन बोलने पर को प्यास लगती है. ये गीला कपड़े पास रखे हैं, बोलने पर जब प्यास लगती है तो उसे गीला करके मुंह पर लगा लेते हैं.'
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'कभी हमको पानी पीना भी हुआ तो एक छोटा सा पात्र है, बस उसमें पानी पी लेते हैं.'
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'लेकिन शरीर की प्यास तो बुझती ही नहीं. पहले गिलास के बाद जब दूसरा मांगने लगते हैं तो ये लोग संकोच करने लगते हैं.'
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'जब तीसरा गिलास मांगते हैं तो ये लोग देने से मना कर देते हैं. तो अब उसके लिए ही ये गीले पानी का कपड़ा रखा है तो उससे थोड़ी तसल्ली होती है.'
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'जब लोगों की इस कपड़े पर दृष्टि गई तो बताया कि इसमें सिर्फ पानी है और कुछ नहीं है.'
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नेशनल किडनी फाउंडेशन का कहना है, 'जब किडनी काम करना बंद कर देती हैं, तो इसका एक साइड इफेक्ट ये भी होता है कि वह यूरिन नहीं बना पाती.'
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डायलिसिस में क्यों नहीं लेते?
'डायलिसिस पर रहने वाले कई लोगों में पेशाब बनना पूरी तरह से बंद हो जाता है. डायलिसिस के ज़्यादातर मरीज हफ्ते में 3 बार डायलिसिस करवाते हैं, इसलिए इस समस्या को हल करने के लिए लिक्विड पदार्थ की मात्रा को सीमित करना होता है.'
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हालांकि अगर किसी को यूरिन पास हो रही है तो वह लिक्विड की मात्रा अपने डॉक्टर्स की सलाह के बाद बढ़ा भी सकती है.
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