20 Sep 2024
आज के डिजीटल युग में बच्चों को स्क्रीन से दूर रख पाना बेहद मुश्किल काम हो गया है. कई छोटे-छोटे बच्चों में देखने को मिल रहा है कि उन्हें रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स की आदत लग गई है.
Credit- Meta AI
छोटे बच्चों का कम समय के वीडियो देखना बेहद की खतरनाक ट्रेंड है जिसका असर उनके दिलोदिमाग पर पड़ता है.
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अगर आपका बच्चा 6 साल से छोटा है और वो इंस्टाग्राम रील्स या फिर यूट्यूब शॉर्ट्स देख रहा है तो उसे तुरंत रोकें. उसे रील्स या शॉर्ट्स बिल्कुन न देखने दें.
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कई शोध में यह देखा गया है कि 6 साल से कम उम्र के छोटे बच्चे अगर रील्स या शॉर्ट्स देखते हैं तो इसका असर उनके दिमाग पर होता है.
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15-20 सेकंड के वीडियो जिन्हें रील या शॉर्ट्स कहा जाता है, बच्चों को हाइपरएक्टिव बनाते हैं. इससे बच्चे का फोकस घटता है और उसे नींद में परेशानी होती है.
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बच्चे को स्क्रीन से दूर रखना बहुत मुश्किल हो चुका है लेकिन उनका स्क्रीन टाइम प्रोडक्टिव बनाए ताकि वो उससे कुछ सीख ले.
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बच्चे की स्क्रीन टाइम लिमिट करें यानी दिन में हर काम का एक रूटीन बनाएं जिसमें 30 मिनट स्क्रीन टाइम रखें.
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साथ ही ध्यान रखें कि बच्चा अगर दो साल से छोटा है तो वो स्क्रीन से दूर ही रहे. दो साल का हो जाने के बाद ही बच्चे को स्क्रीन से इंट्रोड्यूस कराएं.
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Peter rabbit, Curious George, Bluey, Markrober और Planet Earth जैसे शोज बच्चों को इंटरटेनमेंट के साथ बहुत कुछ सिखाते हैं.
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