सिद्धू मूसेवाला की मौत के दो साल बाद उनके घर में खुशियां लौटी हैं.
उनकी मां चरणकौर ने 58 साल की उम्र में एक बेटे को जन्म दिया है.
यह जानकारी खुद सिद्धू के पिता बलकौर सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए बच्चे की तस्वीर शेयर करते हुए दी है.
58 साल की उम्र में चरणकौर IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक के चलते मां बन पाई हैं. इसे आम भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है.
IVF में महिला के अंडेदानी से अंडे निकालकर उसे लैब्रोटरी के अंदर टेस्ट ट्यूब में शुक्राणुओं के साथ( स्पर्म) फर्टिलाइज कराया जाता है.
फिर जब अंडे फर्टिलाइज होकर टेस्ट ट्यूब के अंदर भ्रूण (एम्ब्रायो) के रूप में विकसित हो जाते हैं तो उसे महिला के यूटेरस में ट्रांसफर कर दिया जाता है. यहां भ्रूण का विकास होता है. डॉक्टर्स की देखरेख में इस पूरी प्रकिया का पालन किया जाता है..
यह तकनीक उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है जो नेचुरल तौर पर बच्चा कंसीव नहीं कर सकती हैं.
50 के पार किसी भी महिला के गर्भधारण करने की संभावना काफी कम रहती है क्योंकि इस वक्त उनमें पीरियड्स साइकिल बनना बंद हो जाता है.
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हालांकि, IVF के जरिए 50 की उम्र पार कर चुकी महिलाएं मां बन रही हैं. इसके लिए उन्हें हार्मोनल इंजेक्शन देकर उनकी गर्भाशय को एक्टिव किया जाता है.
इस उम्र के बाद अगर महिला मां बनना चाह रही है तो उसे पूरा बॉडी चेकअप जरूर कराने के साथ-साथ अपने चिकित्सक के देखरेख में पूरी प्रकिया अपनाएं.