खर्राटे लेने को अक्सर लोग सामान्य मान लेते हैं, लेकिन ये अपने साथ कई गंभीर बीमारियों का खतरा लेकर आती है.
अगर रोज सोते वक्त तेज-तेज खर्राटे लेते हैं तो समझ जाएं कि आप ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) जैसी स्लीप डिसऑर्डर से गुजर रहे होंगे.
इस स्लीप डिसऑर्डर में सोते वक्त ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है.साथ ही हृदय प्रणाली पर तनाव बढ़ जाता है.
इसके चलते हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय संबंधित रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
अधिक वजन और गले के आसपास ज्यादा मोटापा भी खर्राटे आने की एक प्रमुख वजह है.
इससे निपटने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें और अपना वजन मेंटेन करके रखें.
पीठ के बल सोने से खर्राटे आने की संभावना बढ़ सकती है.
दरअसल, इस पोजीशन में सोने के दौरान सांस लेने के दौरान हवा में रुकावट महसूस होता है, जिससे स्नोरिंग की स्थिति बढ़ जाती है.
इस स्थिति में खर्राटों को कम करने के लिए करवट लेकर सोने का प्रयास करें.
अगर आपको खर्राटे आते हैं तो अपने बिस्तर के सिरहाने को ऊंचा कर या अतिरिक्त तकियों का उपयोग करें.
इससे सांस लेना आसान हो जाता है और खर्राटों की संभावना कम हो जाती है.
शराब का सेवन मांसपेशियों को आराम देता है. इससे खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है. सोने से पहले इन पदार्थों के सेवन से बचने की कोशिश करें.
डिहाइड्रेशन की वजह से आपके खर्राटा लेना बढ़ जाता है. ऐसे में दिनभर अपने आप को ठीक-ठाक हाइड्रेटेड रखें.
धूम्रपान से गले में जलन और सूजन हो जाती है, जिससे खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में सिगरेट क्विट कर आप खर्राटे की समस्या से बच सकते हैं.
सांस लेने में तकलीफ है और इस वजह से खर्राटे आ रहे हैं तो आप सेलाइन नेज़ल स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं. इससे राहत मिलेगी और सांस लेने में तकलीफ कम होने के चलते खर्राटे नहीं आएंगे.