किडनी शरीर का अहम अंग है जो शरीर से तरल अपशिष्टों को छानकर बाहर कर देती है और शरीर में खनिज, नमक और पानी का संतुलन बनाए रखती है.
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लेकिन अगर किडनी सही से काम नहीं कर पा रही है तो शरीर से तरल अपशिष्ट पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाते हैं और नुकसान पहुंचाने वाले अपशिष्ठ शरीर में जमा होने लगते हैं.
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जब ऐसा होता है तो हमारे यूरिन के जरिए प्रोटीन, नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ और खून निकलने लगता है. इस वजह से पेशाब का रंग बदल जाता है.
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अगर आपके यूरिन का रंग गहरा लाल या भूरा है तो यह किडनी के फेल होने का संकेत हो सकता है.
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लेकिन गहरे रंग के सभी यूरिन को किडनी फेल होने का संकेत नहीं माना जा सकता है इसलिए अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें.
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सामान्यतः यूरिन का रंग साफ या हल्का पीला होता है. साफ या हल्का पीला यूरिन बताता है कि आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं और आपकी किडनी की सेहत भी सही है.
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यूरिन के अलग-अलग रंग और उनका मतलब-
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इस रंग के यूरिन का मतलब है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रहे और आपको और अधिक पानी पीने की जरूरत है.
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इस रंग का यूरिन तब होता है जब आपके यूरिन के साथ खून आ रहा हो. इसके लिए तुरंत हेल्थ एक्सपर्ट से मिलकर सलाह लें.
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अगर आप खाने में रंग मिला हुआ खाना खाते हैं और अगर यह पाचन के दौरान सही से घुला नहीं है तो पेशाब का रंग ब्लू हो सकता है.
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अगर आपका यूरिन झागनुमा है तो इसका मतलब है कि आपके यूरिन में प्रोटीन आ रहा है.
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जब आपकी किडनी खराब होने लगती है तो यूरिन का रंग बदलने के साथ-साथ कई लक्षण दिखते हैं.
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जैसे- यूरिन का कम आना, पैरों, टखनों में सूजन, नींद आने में परेशानी, रात के वक्त मांसपेशियो में दर्द, चक्कर आना, मिचली आना, सांस फूलना, सीने में दर्द या दबाव महसूस करना, कोई फैसला न ले पाना आदि
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