14 फरवरी को दुनिया भर में वैलेंटाइन डे के नाम से जाना जाता है. कुछ लव स्टोरीज ऐसी हैं जो काफी फेमस हैं और उनके उदाहरण भी दिए जाते हैं.
राजस्थान के पूर्व डिप्टी-सीएम सचिन पायलट और सारा अब्दुल्ला की लव स्टोरी भी काफी चर्चित है. सचिन और सारा दोनों ही मजबूत राजनीतिक परिवार से आते हैं.
एमबीए करने के दौरान सचिन की दोस्ती सारा से हुई थी. समय के साथ दोनों की दोस्ती गहरी होती चली गई और फिर प्यार में बदल गई.
सारा ने सचिन को अपनी मां से मिलवाया. सारा के पैरेंट्स को सचिन शुरू से ही पसंद थे. सचिन का व्यक्तित्व और उनकी मुस्कान सभी का दिल जीतने के लिए काफी थी.
सारा के परिवार को इनकी दोस्ती से कोई ऐतराज नहीं था. हालांकि दोनों को एक-दूसरे के साथ ज्यादा वक्त बिताने का मौका नहीं मिला.
कुछ महीनों के अंदर ही सचिन ने अपना कोर्स खत्म किया और भारत लौट आए जबकि सारा इंग्लैंड में ही रहीं.
जब दोनों एक-दूसरे से दूर हुए तो उन्हें अपने प्यार का और भी ज्यादा एहसास हुआ तो दोनों एक-दूसरे से ईमेल्स और फोन कॉल्स के जरिए बात करते थे.
दोनों को अलग हुए तीन साल बीत चुके थे. वक्त के साथ-साथ उनका प्यार गहराता चला गया और दोनों ने एक-दूसरे का जीवन भर साथ निभाने का फैसला कर लिया.
सचिन ने अपनी मां को सारा के बारे में बता दिया. उम्मीद के मुताबिक, सचिन की मां और परिवार ने इस रिश्ते को मानने से इनकार कर दिया.
सचिन ने किसी तरह अपने परिवार वालों को मना लिया लेकिन चुनौतियां सारा के लिए ज्यादा थीं. सारा के पिता ने इस रिश्ते को कुबूल करने से मना कर दिया.
सारा अपने पिता के बहुत करीब थीं इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि एक ना एक दिन उनके पिता इस शादी के लिए मान जाएंगे.
सारा ने कई दिनों तक अपने पिता को मनाने की कोशिश की. फारूक सचिन को पसंद करते थे और सारा के लिए शायद उन्हें इससे बेहतर रिश्ता नहीं मिलता लेकिन सामाजिक और राजनीतिक दबाव के आगे वो भी मजबूर थे.
जब सचिन और सारा का रिश्ता सार्वजिनक हुआ तो अब्दुल्ला के खिलाफ घाटी में कैंपेन चलने लगे. यहां तक कि उनकी पार्टी के ही कुछ विधायक इस रिश्ते के खिलाफ हो गए.
सचिन और सारा ने कुछ महीनों तक सब कुछ शांत होने का इंतजार किया लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हो गया कि महीनों-सालों बाद भी हालात नहीं बदलेंगे.
सचिन और सारा के पास दो ही विकल्प थे. एक या तो वे अपने परिवार वालों की मर्जी के आगे झुक जाते और खुद की जिंदगी किस्मत के हवाले कर देते. दूसरा अपने दिल की बात सुनते हुए शादी के बंधन में बंध जाते.
सारा और सचिन ने दूसरा विकल्प ही चुना. जनवरी 2004 में दोनों ने एक साधारण से समारोह में शादी कर ली. इस शादी में बहुत कम लोगों को आमंत्रित किया गया था.
अब्दुल्ला परिवार ने इस शादी का बहिष्कार किया. हालांकि सारा को अंतिम पलों तक उम्मीद थी कि उनका परिवार मान जाएगा और सब कुछ ठीक हो जाएगा.
सारा अब्दुल्ला सारा पायलट बन गईं और दोनों जिंदगी के एक नए पड़ाव में पहुंच गए. वक्त गुजरने के साथ फारूक अब्दुल्ला की नाराजगी भी दूर हो गई और बाप-बेटी अतीत की कड़वी यादें भुलाते हुए फिर से एक साथ आ गए.