15 August 2024
विटामिन डी का मुख्य सोर्स सूरज की रोशनी है लेकिन फिर भी भारत में अधिकतर लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है.
हमारा शरीर सूर्य की रोशनी विशेष रूप से पराबैंगनी बी (यूवीबी) किरणों के संपर्क में आने पर विटामिन डी बनाता है.
विटामिन डी और कैल्शियम, आपकी हड्डियों, इम्यूनिटी और आपके मस्तिष्क की हेल्थ को सुधारने में मदद करता है. विटामिन डी शरीर को कैल्शियम अब्जॉर्ब करने के लिए और भी उपयुक्त बनाता है.
विटामिन डी खून में कैल्शियम और फॉस्फोरस के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है जो हड्डियों की हेल्थ और मसल्स के काम के लिए जरूरी है.
विटामिन डी की कमी से वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस और बच्चों में रिकेट्स जैसी स्थितियां हो सकती हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं, शरीर को विटामिन डी अधिक मात्रा में मिले इसके लिए आपको सही समय पर सूरज की रोशनी लेना जरूरी है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि विटामिन डी उत्पादन के लिए जिम्मेदार यूवीबी किरणें उस समय अधिक प्रभावी होती हैं, जब सूर्य की रोशनी तेज होती है.
सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सूरज की रोशनी ले सकते हैं क्योंकि इन घंटों के दौरान सूर्य की किरणें त्वचा में प्रवेश करने के लिए अधिक प्रभावी होती हैं जिससे विटामिन डी का उत्पादन होता है. गर्मियों में 9 से 1 बजे का समय सही हो सकता है.
न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन ने भी अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया है कि दोपहर 12 से 3 बजे के बीच धूप लेने से सबसे अधिक विटामिन डी का प्रोडक्शन होता है.
फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. उदित कपूर का कहना है, ' सूरज की रोशनी लेने का सही समय वो है जब सूर्य की किरणें बहुत तीखी न हों क्योंकि ऐसी किरणों के सीधे संपर्क में आने से क्यूटेनियस मेलेनोमा (कैंसर) हो सकता है.
अपोलो हॉस्पिटल्स, बैंगलोर की मुख्य क्लीनिकल डाइट एक्सपर्ट डॉ. पद्मिनी बी.वी, धूप सेंकने के दौरान सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने की सलाह देती हैं क्योंकि वे धूम को अच्छे से अवशोषित करते हैं.
याद रखें, त्वचा की सुरक्षा भी जरूरी है इसलिए 10-30 मिनट से अधिक सूर्य की रोशनी के सीधे संपर्क में न आएं. विटामिन डी से भरपूर डाइट भी लें ताकि ओवरऑल हेल्थ सही रह सके.
आपकी त्वचा का रंग भी इस बात को बताता है कि आपका शरीर कितना विटामिन डी बनाएगा. हल्की त्वचा वाले लोग गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों की तुलना में विटामिन डी को अधिक तेजी से प्रोडक्शन करते हैं.