नवरात्रि ही एकमात्र ऐसा समय होता है जब अधिकतर इंडियंस फास्टिंग करना पसंद करते हैं.
Credit: Pixabay
फास्टिंग का धार्मिक महत्व तो होता ही है साथ ही साथ उससे आपकी सेहत भी अच्छी रहती है.
Credit: Pixabay
फास्टिंग से लोगों का वजन कम भी होता है और आप तो जानते ही हैं कि फास्टिंग वेट लॉस करने का साइंटिफिक तरीका है.
Credit: Pixabay
हमारी टीम की एक मेंबर ने भी नवरात्रि में फास्टिंग की और उनका करीब 3.1 किलो वजन कम हुआ.
Credit: Pixabay
टीम मेंबर ने बताया, 'मैंने नवरात्रि के दौरान नमक वाली चीजें पूरी तरह से खानी छोड़ दी थीं.'
Credit: Pixabay
'सुबह घी में सिकी हुई मूंगफली-मखाने, शाम को मखाने और दूध की बनी खीर, फल और दिन भर में करीब 4-5 अदरक वाली चाय लेती थी.'
Credit: Pixabay
'शुरू के 2-3 दिन भूख लगी लेकिन उसके बाद मुझे भूख लगना बंद हो गई. कम खाने के कारण मेरी कैलोरीज भी काफी कम हो गई थीं.'
Credit: Pixabay
साइंस के मुताबिक, अगर कोई नमक खाना छोड़ता है तो उसका वॉटर वेट कम होता है ना कि फैट का वेट. दरअसल, नमक इंसान की बॉडी में पानी जमा करके रखता है और जैसे ही कोई नमक खाना बंद करता है तो पानी शरीर से बाहर आ जाता है.
नमक के कारण जो वजन कम हुआ है वो अधिकतर वेट पानी का होता है. लेकिन अगर कोई कैलोरी डेफेसिट में रहता है और फिजिकल एक्टिविटी करता है तो उसका फैट लॉस होता है.
जो 3.1 किलो वजन कम हुआ है, उसमें वॉटर वेट और फैट दोनों शामिल हैं.
अगर कोई नमक खाना कम या बंद कर देता है तो उसका ब्लड प्रेशर सही रहता है, हार्ट प्रॉब्लम का खतरा कम रहता है, ब्लोटिंग नहीं होती, कैंसर का खतरा कम होता है, ब्रेन हेल्थ सही रहती है, हड्डियां मजबूत रहती हैं, आदि.