वजन कम करने के लिए लोग अक्सर जिम में ट्रेडमिल पर घंटों दौड़ते हैं ताकि उनका वजन कम हो सके.
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लेकिन हाल ही में एक रिसर्च में दावा किया गया है कि वजन कम करने के लिए कार्डियो की अपेक्षा वेट ट्रेनिंग मदद करती है.
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टेम्पो में सर्टिफाइड पर्सनल ट्रेनर हेड कोच मेलिसा बॉयड के अनुसार, 'रेजिस्टेंस/वेट/स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे वजन उठाना, पुश-अप्स, पुल-अप्स या लंजेस आदि मसल्स गेन करने और फैट बर्न करने में अधिक मदद करते हैं.'
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कोच मेलिसा का कहना है कि 'वेट ट्रेनिंग से आपको काफी फायदे होते हैं जो आपकी लाइफ को आसान बना देते हैं. हाल ही में हुई रिसर्च में यह साबित हो चुका है.'
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डायबेटोलोजिया जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, 'जिन लोगों ने स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की उन्होंने कार्डियो करने वाले लोगों की तुलना में अधिक फैट बर्न किया.'
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बॉयड का कहना है, 'इसके लिए आपको वेट उठाने की जरूरत नहीं है. आप बॉडी वेट एक्सरसाइज जैसे पुश-अप्स, स्क्वॉट्स, पुल-अप्स भी कर सकते हैं. इससे भी फैट बर्न होगा.'
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वेट ट्रेनिंग और कार्डियो वाली नई स्टडी में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने टाइप 2 डायबिटीज वाले लगभग 200 लोगों को शामिल किया था. इन लोगों ने 9 महीने तक वेट ट्रेनिंग या कार्डियो या फिर दोनों किए थे.
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रिसर्च में पाया कि वेट ट्रेनिंग वाले ग्रुप को कार्डियो करने वाले ग्रुप की तलुना में हफ्ते में तीन बार वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज करने वाले लोगों को अधिक फायदा हुआ.
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वेट ट्रेनिंग वाले ग्रुप में ब्लड शुगर का लेवल स्थिर था और फैट बर्न होने के दौरान मसल्स मास भी बढ़ा था.
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वजन कम करने के लिए कैलोरी डेफिसिट में रहना होगा यानी आप जितनी कैलोरी लेते हैं, उससे अधिक कैलोरी बर्न करना या मेंटनेंस कैलोरी से 200-300 कैलोरी कम कम खाना.
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वेट ट्रेनिंग कार्डियो के बराबर कैलोरी बर्न नहीं कर सकती लेकिन यह मसल्स को बढ़ाती है और मसल्स को अधिक एनर्जी की जरूरत होती है जिससे अधिक कैलोरी बर्न होती है.
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