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दुनिया में ऐसा कोई इलाज और दवाई नहीं है जो नींद की कमी को पूरा कर पाए. इसलिए हमेशा पर्याप्त नींद लेना फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी माना जाता है.
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रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक, 18 से 60 वर्ष की आयु के वयस्कों को रात में कम से कम 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए.
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हालांकि कोई व्यक्ति नींद के बिना कितने समय तक जीवित रह सकता है, यह बात अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है लेकिन कई लोग काम, स्ट्रेस आदि कारणों से पूरी नींद नहीं ले पाते.
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1986 में एक व्यक्ति ने बिना सोए 453 घंटे 40 मिनट जागते रहने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था जो लगभग 19 दिन के बराबर है.
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नींद की कमी तब होती है जब किसी व्यक्ति को उसके शरीर की आवश्यकता से कम नींद मिलती है. नींद की कमी का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग हो सकता है.
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई व्यक्ति अगर 2 रात (48 घंटे) और 3 रात (72 घंटे) नहीं सोएगा तो क्या होगा?
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अधिकांश लोगों में 24 घंटे लगातार जागे रहने से भी साइड इफेक्ट दिखने लगते हैं. 24 घंटे जागना यानी खून में अल्कोहल की मात्रा (बीएसी) 0.10 प्रतिशत के बराबर है. इससे चिड़चिड़ापन, फोकस ना रहना, स्ट्रेस बढ़ना, मसल्स पेन, ब्लड शुगर में वृद्धि हो सकती है.
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नींद की कमी का प्रभाव जितना इंसान जागेगा, उतना ही अधिक होगा. अगर कोई 48 घंटे लगातार जाग रहा है तो वह बेहद थक जाएगा, आंख खोलने में भी दर्द होगा. उसका दिमाग पूरी तरह से बेहोशी में जाने लगेगा जिसे माइक्रोस्लीप कहते हैं.
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72 घंटों तक बिना सोए रहने के बाद, अभाव के लक्षण और थकान और भी अधिक बढ़ जाएगी. तीन दिनों तक बिना सोए रहने से व्यक्ति के मूड और सेहत पर काफी गहरा प्रभाव होगा. बेहोशी, चिड़चिड़ापन, दूसरों से बात ना कर पाना जैसे साइड इफेक्ट आएंगे.
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अगर कोई लगातार नींद पूरी नहीं कर रहा है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज, हार्ट डिसीज और डिर्पेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए किसी भी हालत में पर्याप्त नींद जरूर लें.
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