आपने देखा होगा कोई भी इंसान हो जिम जाते ही तुरंत व्हे प्रोटीन पाउडर पीना शुरू कर देता है. इसको देखते हुए कई लोग जिम नहीं जाते कि उन्हें इतना महंगा प्रोटीन पाउडर लेना होगा.
हॉवर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक, प्रोटीन पाउडर, एक तरह का सूखा पाउडर होता है जो पौधे, अंडे और दूध से प्राप्त होता है.
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दरअसल, मसल्स गेन करने, वेट लॉस करने, इंटेस वर्कआउट के बाद मसल्स रिकवरी करने के लिए इसका प्रयोग सबसे अधिक होता है.
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प्रोटीन में शरीर की जरूरत के मुताबिक सारे अमीनो एसिड भी होते हैं जो अलग-अलग तरीके से शरीर को फायदा पहुंचाते हैं.
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मार्केट में व्हे प्रोटीन की कीमत 5-8 हजार प्रति 60 स्कूप तक हो सकती है जो अलग-अलग ब्रांड पर निर्भर करती है.
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अब जो लोग जिम जाना चाहते हैं उनके मन में सबसे पहला यही सवाल होता है कि क्या सच में जिम जाने वाले लोगों को प्रोटीन पाउडर लेना और इतना खर्चा करना जरूरी है? तो आइए इस सवाल का जवाब पता करते हैं.
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सेलेब्रिटी फिटनेस ट्रेनर और सोनू सूद, कंगना राणावत जैसे कई सेलेब्स के पर्सनल कोच योगेश भटेजा का कहना है, 'प्रोटीन एक काफी जरूरी न्यूट्रीएंट है जिसके बिना हम नहीं रह सकते. एक आम इंसान को भी प्रोटीन की जरूरत होती है. प्रोटीन की मात्रा उम्र, शरीर की जरूरत और फिटनेस लेवल पर निर्भर करती है.'
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'सभी की प्रोटीन जरूरत अलग-अलग होती है. सामान्य लोगों को 0.8 से 1.2 ग्राम प्रतिकिलो बॉडी वेट और एक्टिव लाइफस्टाइल और फिटनेस पर ध्यान देने वाले लोग 1.2 से 1.8 ग्राम प्रतिकिलो बॉडी वेट के हिसाब से प्रोटीन लेना चाहिए.'
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योगेश व्हे प्रोटीन लेने के बारे में कहते हैं, 'अगर किसी को शरीर की जरूरत के मुताबिक प्रोटीन यदि फूड्स से मिल रहा है तो उसे प्रोटीन पाउडर लेने की जरूरत नहीं है.'
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'वेजिटेरियन खाने की अमीनो एसिड प्रोफाइल नॉनवेजिटेरियन खाने की अपेक्षा काफी कमजोर होती है. अगर कोई नॉनवेज फूड्स खाता है तो वह सिर्फ फूड्स से प्रोटीन इंटेक पूरा कर सकता है. लेकिन अगर कोई वेजिटेरियन है और इंटेस वर्कआउट करता है तो उसे फास्ट रिकवरी के लिए व्हे प्रोटीन की जरूरत हो सकती है.'