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सूखे मेवे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल जैसे तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो कई तरह से आपको फायदे पहुंचाते हैं.
लेकिन अक्सर ड्राई फ्रूट्स को खाने से पहले उन्हें भिगोने की सलाह दी जाती है. क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे क्या वजह है.
दरअसल ड्राई फ्रूट्स को भिगोकर खाने से बहुत फायदे होते हैं, पहले तो इससे गर्म ड्राई फ्रूट्स की तासीर ठंडी हो जाती है. इसके अलावा उनके पोषण मूल्य में वृद्धि होती है और उन्हें पचाना आसान हो जाता है.
लेकिन इसके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन से ड्राई फ्रूट्स भिगोने चाहिए और कौन से नहीं.
बादाम सबसे लोकप्रिय सूखे मेवों में से एक है जो हेल्दी फैट, प्रोटीन और जरूरी विटामिन्स से भरपूर होते हैं. बादाम को रात भर भिगोने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे यह पाचन में सहायता करने वाले एंजाइमों को सक्रिय करता है.
साथ ही इससे आपका शरीर आसानी से इसमें मौजूद विटामिन ई और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों को एब्जॉर्ब कर पाता है.
पानी में भिगोने की प्रक्रिया किशमिश को फिर से हाइड्रेट करती है, जिससे उन्हें पचाना आसान हो जाता है. भीगी हुई किशमिश में सूखी किशमिश की तुलना में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो शुगर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है.
अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सिडेंट और जरूरी खनिज होते हैं. पानी में भिगोने से इसमें मौजूद टैनिन की मात्रा कम हो जाती है जिससे यह पचाने में आसान हो जाता है.
साथ ही इससे फाइटिक एसिड को बेअसर करने में भी मदद मिलती है जिससे जिंक, आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ जाता है.
बादाम और अखरोट के उलट काजू को खाने से पहले भिगोने की जरूरत नहीं होती क्योंकि ये थोड़े नर्म होते हैं और कच्चा खाने पर भी पचाने में आसान होते हैं.
अन्य मेवों की तुलना में उनमें फाइटिक एसिड कम होता है, इसलिए उन्हें भिगोने से उनके पोषण मूल्य पर कोई खास असर नहीं पड़ता.
पिस्ते को भी भिगोने की जरूरत नहीं होती क्योंकि इसमें फाइटिक एसिड कम होता है जिसका मतलब है कि इसके पोषक तत्व बिना भिगोए आसानी से एब्जॉर्ब हो जाते हैं.
पिस्ता भिगोने से नर्म हो जाते हैं और उनका स्वाद बदल सकता है यही वजह है कि उन्हें सूखा ही खाना सबसे अच्छा होता है.