वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.
भक्त अपनी तमाम समस्याएं और दुख-दर्द लेकर प्रेमानंद महाराज के पास पहुंचते हैं. उनकी प्रसिद्धि का कारण उनकी आध्यात्मिक शिक्षाएं, समाज सेवा, और साधना के प्रति समर्पण है.
कुछ समय पहले एक व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज से पूछा था कि क्या साधु-संत दाड़ी और बाल बढ़ाते हैं, उसका कोई शास्त्रीय विधान है क्या.
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'हां, सन्यास में 2 पद्धतियां हैं. एक मुंडन और दूसरी है, आजीवन या 12 साल के बाद मुंडन करवाना.'
'बालों की कटिंग साधुओं की पद्धति नहीं है. या तो पूरा मुंडन या फिर ऐसे ही रखना. कटिंग वहैराह गृहस्थ जीवन में ठीक है.'
ऐसे लोग उपदेश देते हैं या भगवत वगैराह करते हैं, वो ऐसा कर सकते हैं लेकिन जो विरक्त यानी वैराग्य लेने वाले हैं, उनके लिए बस ये दो ही तरीके हैं.
इसके बाद एक भक्त ने पूछा कि क्या गृहस्थ भी ऐसा कर सकते हैं, यानी वो दाड़ी बड़ी और बाल लंबे रख सकते हैं तो महाराज जी कहा कि नहीं गृहस्थ ऐसा नहीं कर सकते, फिर वो पाखंड हो जाएगा.
वो कहते हैं, 'गृहस्थ में रहते हुए बाबाजी क्यों बनना. जब पुलिस की वर्दी पहनकर कोई नकली पुलिसवाला बन जाता है तो जब वो असली पुलिसवाले के हाथ लगता है तो वो उसे पकड़कर जेल भेज देते हैं.'
इसलिए गृहस्थ में गृहस्थ की तरह और वैराग्य में वैरागी की तरह रहो.