By: Aajtak.in
अधिकतर लोगों का तर्क होता है कि अधिक कार्ब खाने से इंसान का मोटापा बढ़ता है, लेकिन यह पूरा सच नहीं है.
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कार्बोहाइड्रेट खाने से वजन नहीं बढ़ता है. जो लोग इसे सच मानते हैं, उन लोगों को आधी जानकारी है.
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दरअसल, मोटापे को बढ़ाने में कम फिजिकल एक्टिविटी, अल्ट्राप्रोसेस्ड या जंक फूड का अधिक सेवन, काफी अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन, पर्याप्त नींद ना लेना, जेनेटिक्स और स्ट्रेस भी मदद करते हैं.
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शरीर की जरूरत के मुताबिक, हेल्दी कार्ब खाने से वजन नहीं बढ़ता. कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी देता है, इम्यूनिटी मजबूत करता है, रोग के विकास को रोकता है, रक्त के थक्के जमने से रोकता है.
1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से 4 कैलोरी मिलती है. शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में तोड़ता है जो मस्तिष्क और मांसपेशियों के लिए प्राथमिक ऊर्जा का सोर्स है.
कई लोग वजन कम करने के लिए लो कार्ब डाइट या नो कार्ब डाइट पर चले जाते हैं.
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लेकिन क्या आपने सोचा है अगर कोई कार्बोहाइड्रेट के मुख्य सोर्स जैसे रोटी, चावल, आलू, ब्रेड और होल ग्रेन आदि का बिल्कुल सेवन नहीं करेगा तो क्या होगा?
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इस बारे में ऋतिक रोशन, उर्वशी रौतेला और श्वेता तिवारी के फिटनेस ट्रेनर प्रसाद नंदकुमार शिर्के का कहना है, 'अगर कोई कार्बोहाइड्रेट का पूरी तरह सेवन बंद करता है तो यह शरीर पर काफी नेगेटिव इफेक्ट डालेगा.'
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ट्रेनर शिर्के ने आगे कहा, 'कार्ब से शरीर फंक्शन करता है, एनर्जी मिलती है और कार्ब पूरी तरह बंद करने से जब आप वापिस से कार्ब खाना शुरू करेंगे तो आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल अचानक से बढ़ जाएगा और टाइप 2 डायबिटीज होने के चांस अधिक बढ़ जाएंगे.'
ट्रेनर शिर्के ने बताया, 'कार्ब शरीर के लिए बिल्कुल बुरा नहीं है. 1 ग्राम कार्ब में 4 कैलोरी होती है. एथलीट्स जब कॉम्पिटिशन खेलते हैं, तब वे जीरो कार्ब पर जाते हैं लेकिन वो भी सिर्फ 2 हफ्ते के लिए.इसलिए मैं कभी भी किसी को कार्ब बंद करने की सलाह नहीं दूंगा.'
ट्रेनर शिर्के ने बताया कि अगर कोई लंबे समय तक कार्ब का सेवन नहीं करता, तो उसे कई शारीरिक समस्याएं आ सकती हैं.' कार्ब बंद करने से क्या शारीरिक समस्याएं आ सकती हैं, इस बारे में आगे की स्लाइड में जानेंगे.
आपके शरीर को काम करने, जागने, सोने, चलने और यहां तक कि बात करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है. अब अगर ऐसे में कोई लंबे समय तक कार्ब नहीं लेगा तो उसकी एनर्जी काफी कम हो जाएगी और शरीर में आलस, थकान और दर्द बना रह सकता है.
जब शरीर में कार्बोहाइड्रेट नहीं रहता तो शरीर मस्तिष्क को एनर्जी प्रदान करने के लिए मसल्स से अमीनो एसिड को ग्लूकोज में कन्वर्ट कर देता है. जिससे मसल्स लॉस होने से बच जाता है. अब अगर आप कार्ब नहीं खाएंगे तो मसल्स लॉस हो सकता है.
कार्बोहाइड्रेट कब्ज को कम करता है और डाइजेस्टिव सिस्टम की बीमारियों का जोखिम कम करता है. अगर कार्ब नहीं लेंगे तो डाइजेस्टिव बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
फाइबर एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है जो 'खराब' एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है और हार्ट हेल्थ का खतरा कम करता है. अगर कोई कार्ब का सेवन नहीं करता तो हार्ट हेल्थ का जोखिम बढ़ सकता है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.