चंद्रयान-3 की सफलता के बाद एक बार फिर इसरो ने इतिहास रच दिया है. ISRO अपने पहले सूर्य मिशन Aditya-L1 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है.
Aditya-L1 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से 11:50 बजे की गई. यह लॉन्चिंग पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट से की गई है.
PSLV-XL रॉकेट आदित्य-L1 को धरती की निचली कक्षा में छोड़ेगा जो 235 km x 19,500 km की पेरिजी और एपोजी वाली अंडाकार कक्षा है.
Aditya-L1 का वजन 1480.7 किलोग्राम है. लॉन्च के करीब 63 मिनट बाद रॉकेट से आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट अलग हो गया.
Aditya-L1 अपनी यात्रा की शुरुआत लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) से करेगा. यानी PSLV-XL रॉकेट उसे तय LEO में छोड़ देगा.
Aditya-L1 भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित ऑब्जरवेटरी है. यह सूरज से इतनी दूर तैनात होगा कि उसे गर्मी तो लगे लेकिन खराब न हो
सूरज की सतह से थोड़ा ऊपर यानी फोटोस्फेयर का तापमान करीब 5500 डिग्री सेल्सियस रहता है. केंद्र का तापमान 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस रहता है.
सौर तूफानों के आने की वजह, सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर होता है. आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा.