Byline: Pankaj Jain
15 अगस्त के आस-पास दिल्लीवासियों में पतंगबाज़ी करने का शौक बढ़ जाता है. लेकिन इस पतंगबाज़ी के शौक के बीच हर साल चाइनीज मांझे के कारण हादसों की खबरें भी सामने आती हैं.
इसी कारण राजधानी दिल्ली में 10 जनवरी 2017 से ही चाइनीज मांझे के इस्तेमाल और बिक्री पर रोक लगी हुई है. बावजूद इसके हर साल पतंगबाजी का शौक रखने वाले कुछ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं और इससे कई पशु-पक्षी इसमें फंसकर अपनी जान गंवा देते हैं. अन्य लोगों के लिए भी यह जानलेवा साबित होता है.
अब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लोगों से अपील की है कि चाइनीज़ मांझे का इस्तेमाल ना करें और यदि कोई इसका इस्तेमाल या बिक्री करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी सभी धाराओं को जोड़ते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर 5 साल की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना है. पर्यावरण विभाग ने चाइनीज मांझा इस्तेमाल ना करने की चेतावनी जारी की है.
दरअसल, चाइनीज़ मांझे जो कई केमिकल से बनाया जाता है. यह हमारे पर्यावरण के साथ-साथ पशु पक्षियों और इंसानों के लिए भी बेहद हानिकारक है. इसी के चलते पर्यावरण विभाग द्वारा सभी सम्बंधित विभागों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए गए है.
इन विभागों में दिल्ली पुलिस, राजस्व, एमसीडी, परिवहन विभाग, डीएमआरसी, ईको-क्लब स्कूल और कॉलेज शामिल है.
दिल्ली पुलिस, राजस्व विभाग और एमसीडी द्वारा लाउडस्पीकर से चीनी मांझे के इस्तेमाल के खिलाफ़ मुनादी की जाएगी, नुकसान बताते हुए पैम्फलेट वितरण किया जाएगा, पोस्टर लगाए जाएंगे.
समाचार पत्र में जागरूकता विज्ञापन छापे जाएंगे और सोशल मीडिया पर ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट संदेश से चीनी माँझे के नुकसान के बारे में आगाह किया जाएगा. वहीं, दिल्ली में डीटीसी बसों, दिल्ली मेट्रो, बस स्टॉप, और फुट ओवर ब्रिजों पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे.