30 March, 2023 By: aajtak

सारस पालने पर आरिफ के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई? जानें कानून

चर्चा में क्यों हैं अमेठी के आरिफ?

यूपी के अमेठी में सारस पालने वाले आरिफ आजकल चर्चा में हैं. 

Pic Credit: urf7i/instagram

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 उनसे भी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है उनका जिगरी यार सारस.

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सारस और आरिफ को अलग कर दिया गया है, इसपर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

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कई लोग सारस को वापस आरिफ के पास लाने की अपील भी कर रहे हैं जिसे वन विभाग की टीम अपने साथ ले गई है.

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 यहां हम बताएंगे कि आरिफ पर वन विभाग ने किस अधिनियम के तहत कार्रवाई की.

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 वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे कहते हैं कि आम नागरिक की ड्यूटी है कि पर्यावरण, वन संरक्षण और और वन्यजीव संरक्षण में अपनी भूमिका अदा करे. 

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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 A (g) में ये बातें कही गई हैं.

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वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत जिन पशु-पक्षियों के पालन पर पाबंदी है, उनमें सारस भी शामिल है. 

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ऐसे में आरिफ को सारस का उपचार करके तुरंत वन विभाग या पुलिस को 48 घंटे के अंदर सूचित करना चाहिए था. 

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हालांकि आरिफ ने इस बारे में वन विभाग को कोई जानकारी नहीं दी. 

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इसके चलते आरिफ पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन करने के आरोप में धारा 2, 9, 29, 51 और धारा 52 के तहत केस दर्ज किया गया है. 

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एक्ट की धारा 51 के मुताबिक, अपने मनोरंजन के लिए किसी पशु-पक्षी या जानवर की जिंदगी से आप खिलवाड़ नहीं कर सकते.

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इसके चलते दोषी को 7 साल की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है.

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