यूपी के अमेठी में सारस पालने वाले आरिफ आजकल चर्चा में हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramउनसे भी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है उनका जिगरी यार सारस.
Pic Credit: urf7i/instagramसारस और आरिफ को अलग कर दिया गया है, इसपर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramकई लोग सारस को वापस आरिफ के पास लाने की अपील भी कर रहे हैं जिसे वन विभाग की टीम अपने साथ ले गई है.
Pic Credit: urf7i/instagramयहां हम बताएंगे कि आरिफ पर वन विभाग ने किस अधिनियम के तहत कार्रवाई की.
Pic Credit: urf7i/instagramवाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे कहते हैं कि आम नागरिक की ड्यूटी है कि पर्यावरण, वन संरक्षण और और वन्यजीव संरक्षण में अपनी भूमिका अदा करे.
Pic Credit: urf7i/instagramभारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 A (g) में ये बातें कही गई हैं.
Pic Credit: urf7i/instagramवन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत जिन पशु-पक्षियों के पालन पर पाबंदी है, उनमें सारस भी शामिल है.
Pic Credit: urf7i/instagramऐसे में आरिफ को सारस का उपचार करके तुरंत वन विभाग या पुलिस को 48 घंटे के अंदर सूचित करना चाहिए था.
Pic Credit: urf7i/instagramहालांकि आरिफ ने इस बारे में वन विभाग को कोई जानकारी नहीं दी.
Pic Credit: urf7i/instagramइसके चलते आरिफ पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन करने के आरोप में धारा 2, 9, 29, 51 और धारा 52 के तहत केस दर्ज किया गया है.
Pic Credit: urf7i/instagramएक्ट की धारा 51 के मुताबिक, अपने मनोरंजन के लिए किसी पशु-पक्षी या जानवर की जिंदगी से आप खिलवाड़ नहीं कर सकते.
Pic Credit: urf7i/instagramइसके चलते दोषी को 7 साल की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है.