अलवर में मौजूद 'कुंवारे किले' को आम जनता के लिए खोल दिया गया है. यह किला लंबे समय से लोगों के लिए बंद पड़ा था.
अरावली की वादियों से घिरे के इस किले से कोई युद्ध नहीं लड़ा गया. इसलिए किले को 'कुंवारा किला' कहा जाता है.
बाला किला 300 मीटर की चट्टानों के शीर्ष पर स्थित है. इस किले से अलवर शहर का भव्य नजारा दिखाई देता है.
इस किले में बाबर ने रात गुजारी थी और जहांगीर भी इस किले में रह चुके है. यह किला मुगल व राजपूत शैली से बना है.
किले में प्रवेश के रास्ते में चार दरवाजे पढ़ते हैं. पहाड़ी की चोटी पर यह किला अपनी खूबसूरती के लिए खास पहचान रखता है.
चीन के बाद सबसे लंबी दीवार राजस्थान के कुंभलगढ़ जिले की है. इसके बाद अलवर के बाला किले का नंबर आता है.
आमेर नरेश काकिल के द्वितीय पुत्र अलघुरायजी ने संवत 1108 (1049ई) में पहाड़ी की छोटी गढ़ी बनाकर किले का निर्माण किया था