दरअसल, पुलिस एक्शन से जुड़ा यह मामला मध्य प्रदेश के मुरैना से जुड़ा है. यहां एक मंदिर की जमीन पर एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से ट्रस्ट बना लिया था.
ट्रस्ट बनाने के बाद मंदिर की जमीन पर बनी दुकानें किराए पर उठा दी गईं और उनका किराया वसूला जाने लगा.
मंदिर की जमीन की दुकानों में इस तरह के फर्जीवाड़े की जानकारी जब मंदिर के मुख्य पुजारी को हुई तो उन्होंने पुलिस से शिकायत कर दी.
केस दर्ज करने के बाद मुरैना पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, वहीं चौथे आरोपी की तलाश की जा रही थी.
मंदिर की जमीन पर धोखाधड़ी के आरोपी बाबा रामशरण मुरैना से जाकर मथुरा में रहने लगे थे. वे राम जानकी मंदिर आश्रम में रह रहे थे.
बाबा रामशरण की तलाश में मुरैना पुलिस भक्त बनकर मथुरा पहुंची और बाबा को फूलमाला पहनाकर पैर छुए.
बाबा रामशरण के पैर छूने के बाद पुलिस वालों ने बाबा के कान में धीरे से कहा कि हम आपको गिरफ्तार करने आए हैं.
भक्त बनकर आई पुलिस के द्वारा गिरफ्तारी की बात सुनकर बाबा को पसीना आ गया. पुलिस ने संत की गिरफ्तारी को लेकर संवेदनशीलता का ध्यान रखा.
मुरैना पुलिस समझदारी दिखाते हुए आरोपी साधु को गिरफ्तार करने पहुंची थी. अब बाबा के वकील ने MP हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है.