उत्तराखंड का माणा गांव. इसे अब तक 'आखिरी गांव' के नाम से जाना जाता था. लेकिन अब ये देश का 'पहला गांव' बन गया है.
बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने इस गांव का साइन बोर्ड बदल दिया है. इसपर लिख दिया है- 'भारत का प्रथम गांव माणा.'
ये गांव उत्तराखंड के चमोली में है. चीन की सीमा इस गांव से 24 किलोमीटर दूरी पर है. गांव बद्रीनाथ से बमुश्किल 3 किमी दूर है.
माणा गांव से ही सरस्वती नदी निकलती है. ये हिमालय की पहाड़ियों से घिरा है. यहां का वातावरण बहुत साफ-सुथरा है.
मान्यता है कि माणा वही गांव है जहां से पांडवों ने स्वर्ग का रास्ता तय किया था. कहते हैं कि पांडव जब स्वर्ग जा रहे थे, तब इसी गांव से निकले थे.
इस गांव में 'भीम पुल' भी बना है. माना जाता है कि इस पुल को भीम ने बनाया था. ये पुल असल में एक बड़ा सा पत्थर है, जो सरस्वती नदी के ऊपर बना है.
एक किवंदती ये भी है कि भीम पुल वही जगह है जहां वेदव्यास ने भगवान गणेश को महाभारत लिखवाई थी. नीचे क्लिक कर जानें और भी दिलचस्प बातें.