चांद इस बार तेरी ईद तुझे मिल जाए... ईद पर कुमार विश्वास की शायरी
11 Apr 2024
By अतुल कुशवाह
तेरी दुनिया, तेरी उम्मीद तुझे मिल जाए
चांद इस बार तेरी ईद तुझे मिल जाए
जिसकी यादों में चरागों सा जला है शब-भर
उस सहर-रुख की कोई दीद तुझे मिल जाए.
(कुमार विश्वास)
ईद का दिन है गले आज तो मिल ले जालिम
रस्मे दुनिया भी है मौका भी है दस्तूर भी है.
(कमर बदायूंनी)
तुझको मेरी न मुझे तेरी खबर जाएगी
ईद अब के भी दबे पांव गुजर जाएगी.
(जफर इकबाल)
हमने तुझे देखा नहीं क्या ईद मनाएं
जिसने तुझे देखा हो उसे ईद मुबारक.
(लियाकत अली आसिम)
जिस तरफ तू है उधर होंगी सभी की नजरें
ईद के चांद का दीदार बहाना ही सही.
(अमजद इस्लाम अमजद)
फलक पे चांद सितारे निकलते हैं हर शब
सितम यही है निकलता नहीं हमारा चांद.
(पंडित जवाहर नाथ साकी)
ईद के बाद वो मिलने के लिए आए हैं
ईद का चांद नजर आने लगा ईद के बाद.
(अज्ञात)
आपने ईद मुबारक तो कहा है लेकिन
आपने ईद मनाने की इजाजत नहीं दी.
(महवर सिरसिवी)
ईद का चांद तुमने देख लिया चांद की ईद हो गई होगी.
(इदरीस आजाद)
ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो और कहियो कि कोई याद किया करता है. (त्रिपुरारी)