चंद्रयान-3, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर... 25 आदिवासी छात्राएं मिलेंगी ISRO के वैज्ञानिकों से
27 Sept 2023
रिपोर्ट: मुकेश सोनी
चंद्रयान-3 इस समय चांद पर स्लीप मोड में है. उसका मिशन पूरा हो चुका है. फिर भी इसरो को उम्मीद है कि वो फिर जागेगा और कुछ नई जानकारियां देगा.
चंद्रयान-3 की सफलता के चर्चे इस समय पूरी दुनिया में हैं. इसकी लैंडिंग के बाद से ही लोगों की खगोल विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ गई है.
इसी क्रम में झारखंड के गुमला से 25 आदिवासी छात्राएं इसरो के ऑफिस पहुंचीं. वे यहां चंद्रयान-3, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के बारे में वैज्ञानिकों से जानकारियां लेंगीं.
यह पहली बार है कि गुमला जिले की आदिवासी छात्राओं को इस प्रकार के एक्सपोजर विजिट के लिए इसरो भेजा गया है.
छात्राओं के साथ 5 शिक्षकों की टीम सहित 2 जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी एवं जिला जिला शिक्षा अधीक्षक डॉ. मोहम्मद वसीम मौजूद भी हैं.
छात्राओं को एक्सपोजर विजिट के तहत चेन्नई के अन्य स्थान जैसे गाइंडी नेशनल पार्क, मद्रास म्यूजियम, अद्यार पूंगा ईको पार्क, थ्योसोफिकल सोसाइटी और मरीना बीच भी जाएंगी.
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के पीछे की जानकारियों को प्राप्त करने हेतु यहां के आदिवासी समुदाय की साइंस में रुचि रखने वाली छात्राओं को भेजा गया है.
आदिवासी समाज के विकास एवं बेटियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह पहल किया जा रहा है.
एक्सपोजर विजिट के लिए जाने वाली छात्रा रेणु कुमारी ने कहा कि यह पहली बार है जब उन्हें इतने दूर जाने का मौका मिल रहा है. सपने में भी उन्होंने इतनी दूर जाने का नहीं सोचा था.