देश को 20 अक्टूबर को पहली रैपिड रेल की सौगत मिलने वाली है. पीएम मोदी सुबह 11:15 बजे साहिबाबाद में रैपिड ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.
पहले फेज में दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को शुरू किया जाएगा.
पहले खंड में रैपिड रेल साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो के बीच चलाई जाएगी. देखने में रैपिड रेल, बुलेट ट्रेन और मेट्रो ट्रेन का मिश्रण है.
इस रेल के दरवाजे मेट्रो के दरवाजों की तरह खुलते और बंद होते हैं. रैपिड रेल की सीट राजधानी या किसी लग्जरी ट्रेन की सीटों जैसी हैं.
आरआरटीएस ट्रेनों को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए डिजाइन किया गया है. हालांकि, ये ट्रेनें पटरियों पर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी. यह ट्रेन 60 मिनट में 100 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है.
6 कोच वाली इस ट्रेन का लुक बिल्कुल बुलेट ट्रेन की तरह है. वहीं, इसके गेट मेट्रो की याद दिलाते हैं. वहीं, प्लेटफॉर्म पर भी स्क्रीन डोर लगे हैं जैसे मेट्रो स्टेशनों पर होते हैं.
आरआरटीएस को उन यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया है जो तेज गति और शांत तरीके से लंबी दूरी की यात्रा करना चाहते हैं.
रैपिड ट्रेन के कोच में एडजस्ट होने वाली 2x2 की सीटें होंगी और यात्रियों के खड़े होने के लिए विशेष व्यवस्था होगी. इसके अलावा इन ट्रेनों में मुफ्त वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, सामान रखने की जगह, एक इंफोटेनमेंट सिस्टम और अन्य तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी.
ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी.
हर ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा और एक प्रीमियम कोच होगा. इसके अलावा 4 स्टैंडर्ड कोच होंगे. प्रीमियम कोच में रिक्लाइनिंग सीटें, कोट हुक, मैगजीन होल्डर और फुटरेस्ट जैसी कई अतिरिक्त यात्री-केंद्रित सुविधाएं होंगी.