दिल्ली में बंद हो सकती हैं शराब की दुकानें, जानें वजह

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को आए अभी महज 9 महीने भी नहीं हुए हैं, इसी बीच 200 से ज्यादा दुकानें बंद भी हो गई हैं.

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दिल्ली में शराब का कारोबार करने वाले कारोबारियों ने सरकार की शराब नीति से दूरी बना ली है और दुकानों को बंद करना शुरू कर दिया है.

इसके पीछे बड़ी वजह दुकानदारों का आर्थिक नुकसान है. इसके कारण वे अपने लाइसेंस सरकार को वापस कर रहे हैं.

आने वाले दिनों में दिल्ली में एक बार फिर शराब को लेकर हाहाकार मच सकता है. अब तक दिल्ली में  लगभग 160 से ज्यादा दुकानें बन्द हो चुकी हैं.

नई आबकारी नीति पिछले साल 17 नवंबर को लाई गई थी, जिसमें दिल्ली में सभी सरकारी और प्राइवेट दुकानों को बंद कर के नए सिरे से टेंडर जारी किए गए थे.

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सरकार का दावा था कि एक्साइज पॉलिसी से करोड़ों रुपये का सरकार को राजस्व प्राप्त होगा और शराब माफिया पर लगाम लगेगी.

पूर्वी दिल्ली में शराब की नई नीति के तहत एक कारोबारी ने बताया, सरकार अपनी पॉलिसी को खुद ही सही तरीके से ना ही इंप्लीमेंट कर पाई और ना ही समझ पाई.

पहले सरकार ने शराब पर डिस्काउंट देने की बात कही. बाद में सरकार ने इसे हटा दिया. फिर दोबारा शराब पर डिस्काउंट मिलने लगा.

इससे कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ. इसी के साथ नई पॉलिसी के बाद शराब ने कुछ ब्रांड्स को बंद कर दिया, जिससे शराब के शौकीनों को कॉम्प्रोमाइज करना पड़ा.

काफी लोगों ने पसंद की शराब ना मिलने से उसे खरीदना तक छोड़ दिया. इससे भी शराब कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा.

सरकार की नई पॉलिसी के तहत हर वार्ड में शराब की दुकानें खोली गईं, जिससे कंप्टीशन बढ़ गया.

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इसके अलावा नई पॉलिसी के तहत बॉर्डर एरिया पर शराब कारोबारी दुकान नहीं खोल पाए, उससे भी उनको काफी नुकसान हुआ.

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