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यमुना के जलस्तर ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बाढ़ के खतरे के बीच दिल्ली सरकार ने निचले इलाकों को खाली करने की चेतावनी जारी की है.
यमुना के उफान से आई बाढ़ में दिल्ली के कुछ निचले इलाकों में लोगों के घर-मकान सब डूब गए हैं. उन चिन्हित इलाकों को तुरंत खाली करवाया जा रहा है.
इनमें बोट क्लब, मोनेस्ट्री मार्केट, पुराने रेलवे ब्रिज के पास नीली छत्री मंदिर, यमुना बाजार, गीता घाट, नीम करोली गौशाला, विश्वकर्मा और खड्डा कॉलोनी, गढ़ी मांडू, मजनू का टीला से वजीराबाद तक का क्षेत्र शामिल है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के निचले क्षेत्र उस्मानपुर, बदरपुर खादर में यमुना के पास वाले इलाकों में लोग अपने घरों को खाली कर दें.
इसके अलावा डीएनडी, मयूर विहार, जगतपुर में मेन पुश्ता रोड, सराय काले खां पर भेलोपुर, श्मशान घाट, जैन मंदिर, ग्यासपुर और मिलेनियम डिपो के आस-पास बसी झुग्गियों को खाली कर दें.
वहीं, दिल्ली सरकार ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों तक पहुंचने के लिए 50 बोट का इंतजाम किया है. इन सभी बोट्स को पल्ला से लेकर ओखला बैराज तक दो-दो किलोमीटर की दूरी पर तैनात किया गया है.
साथ ही दिल्ली के अलग-अलग 6 जिलों, इनमें नॉर्थ, शाहदरा, नॉर्थ ईस्ट, ईस्ट, सेंट्रल और साउथ ईस्ट दिल्ली में दो हजार सात सौ से ज्यादा राहत कैंप लगाए गए हैं.