'सरई बाबा' करते हैं हर मुराद पूरी! उम्र है 400 साल के पार
By Devendra Mishra
23 June 2023
छत्तीसगढ़ के धमतरी के सिहावा में एक पेड़ लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस पेड़ की उम्र चार सौ साल से ज्यादा की बताई जा रही है.
छत्तीसगढ़ में यह दूसरा सबसे पुराना पेड़ है. दुगली इलाके के लोग इस पेड़ की पूजा करते हैं. लोग इस पेड़ को 'सरई बाबा' के नाम से पुकारते हैं और पेड़ को अपना पूर्वज मानते हैं.
लोगों का कहना है कि उन्हें जब भी कोई परेशानी होती है तो वे उसे 'सरई बाबा' के साथ साझा करते हैं. लोगों का दावा है कि पेड़ के पास जाकर मांगी गई मुराद पूरी होती है.
यदि घर में शादी विवाह, जन्मोत्सव या कोई भी आयोजन होता है तो इलाके के लोग पेड़ के पास हाजिरी लगाना नहीं भूलते.
रोजाना महकमे के मुलाजिम इस दरख्त की निगहबानी करते हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पेड़ की लंबाई 45 मीटर और गोलाई 446 सेमी है. अफसर इसे मदर ट्री बताते हैं. बीज इकट्ठा करने से पहले लोग इस पेड़ की पूजा करना नहीं भूलते.
वन विभाग ने 'सरई बाबा' यानी इस पेड़ की खासियत लोगों तक पहुंचाने के लिए एलबम भी बनाया है, जिसमें पेड़ की उपलब्धि बताई गई है. अब लोगों को पेड़ को वन धरोहर का दर्जा मिलने का इंतजार है.
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के दुगली गांव का ये पेड़ भी काफी पुराना है. लोगों का कहना है कि ये पेड़ करीब 400 साल पुराना है. वन विभाग इस पेड़ को वन धरोहर का दर्जा दिलाने की कोशिश में जुटा है.
सोमनाथ ने कहा कि दुगली में इस पेड़ को लोग सरई बाबा के नाम से जानते हैं. गर्मी के दिनों में जब जंगली जानवरों को प्यास लगती है तो वे इस दरख्त की जड़ो में दांत गड़ाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. सरई बोड़ा जिसको लोग खाते हैं, वो भी इसी के पत्ते से बनता है.
श्याम ध्रुव ने कहा कि मुगल जमाने के इस पेड़ को सरई बाबा के नाम से जानते हैं. गांव के लोग इस पेड़ को देवतुल्य मानते हैं और इसकी रक्षा करते हैं. श्याम का दावा है कि कई लोगों ने इस पेड़ में पानी डालकर जो मनोकामना की, वो पूरी हुई है.