7 पीढ़ियों से दिवाली पर दिए बनाता आ रहा है यह मुस्लिम परिवार

07 Nov 2023

@Aajtak.in

दिवाली के त्योहार पर विशेष रूप से मिट्टी के दिए प्रवजल्लित किए जाते हैं. इसके पीछे की मान्यता है कि वनवास खत्म करने के बाद भगवान राम जब अयोध्या लौटे थे तब लोगों ने दिए जलाकर उनका स्वागत किया था. तभी से दिवाली के त्योहार पर दिए जलाए जाते हैं.

मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा जागरण बस्ती में रहने वाले दर्जनों मुस्लिम परिवारों दीपावली और छठ पर्व के मौके पर दिए बनाने का काम करते हैं. इन्हीं में शामिल मोहम्मद अरमान अपने पूरे परिवार के साथ दीपावली के दीयों को बनाने में लग जाते हैं.

वह बताते हैं कि सात पीढ़ियों से उनके घर में दीए बनाने का काम चल रहा है. दीयों को बनाने के बाद रंगों से सजाया-संवारा जाता है. 

75 साल की मोमिना खातून बताती हैं कि हमारे यहां कई पीढ़ियों से यह काम होता आ रहा है. दियों के अलावा, मिट्टी के खिलौने भी बनाए जाते हैं.

मोहम्मद अरमान बताते हैं कि पहले हाथ से चलने वाला चाक हुआ करता था. अब बिजली से चलने वाले चाक से कम समय में अधिक दिए बनाने में मदद मिलती. इस कमाई से ही हमारा परिवार चलता है.

दियों को अलग-अलग रंग से पेंट किया जाता है. अलग-अलग डिजाइन के दिए तैयार किए जाते हैं. ऑर्डर पर विशेष डिजाइन के दिए भी बनाए जाते हैं.

दीपावली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है. इस वर्ष कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर को दोपहर 02.45 बजे से 13 नवंबर को दोपहर 02.56 बजे तक रहेगी. ऐसे में दीपावली 12 नवंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी.

दीपावली पर महालक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाती है. इनकी उपासना से हमारे जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है. दीपावली पूजन का सबसे उत्तम समय प्रदोष काल का होता है. इस शुभ मुहूर्त में पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.