तार, जाल, लोहे की चेन... कबाड़ से बनीं कलाकृतियों में देखें G-20 देशों की झलक

By:  Ram Kinkar Singh

05 September 2023

जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली को सजाया जा रहा है. इसके लिए चाणक्यपुरी के कौटिल्य मार्ग पर सरिया और ऑटोमोबाइल अपशिष्ट से निकाले गए धातु स्क्रैप से कई कलाकृतियां बनाई गई हैं. 

Sculpture created from scrap

जी-20 सदस्य देशों के जानवरों और पक्षियों की 22 कलाकृतियां बनाई गई हैं. इस पार्क को जी-20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' (वसुधैव कुटुंबकम) की थीम पर दिल्ली वालों के लिए खोला जाएगा. NDMC ने 'वेस्ट टू आर्ट पार्क' का नाम दिया. 

ये कलाकृतियां 'वेस्ट टू आर्ट' के तहत नगर पालिका परिषद और ललित कला अकादमी के कलाकारों ने बनाई हैं. इन्हें बनाने में लोहे की छड़ें, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, धातु की प्लेटें, तार-जाल, रिम, चेन, बेयरिंग बॉल और अन्य कबाड़ का इस्तेमाल हुआ है. वेस्ट टू आर्ट पार्क में हर देश की पहचान वाले पशु या पक्षी लगाए गए हैं.

ये अमेरिकी बाइसन है.

चीन की लाल-मुकुट वाली क्रेन.

ऑस्ट्रेलिया का फेमस कंगारू.

रूस का भूरा-भालू.

मैक्सिको का गोल्डन-ईगल भी यहां मौजूद है.

ग्रेट ब्रिटेन का शेर बनाया गया है.

वहीं, कनाडा का कैनेडियन बीवर यहां मौजूद है.

टर्की की पहचान टर्किश रेडविंग

ये जापानी ग्रीन तीतर है.

दक्षिण अफ़्रीकी स्प्रिंगबॉक भी इस पार्क में मौजूद है.

जर्मन ईगल को भी पार्क में लगाया गया है.

इसके अलावा अर्जेंटीना का प्यूमा भी शामिल है.

यहां ब्राजीलियाई जगुआर, सऊदी अरब का ऊंट, इटली की गौरैया, इंडोनेशिया का कोमोडो ड्रैगन, फ्रांस का गैलिक रोस्टर, कोरियाई मैगपाई और भारत का मोर भी मौजूद है.