गुजरात के गरबा को यूनेस्को ने अंतरराष्ट्रीय पहचान देते हुए अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया है.
गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबा आयोजित किए जाते हैं. इन आयोजनों में लोग एक साथ मां अंबे की आराधान करते हैं.
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने यूनेस्को के इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करके दी है.
गुजरात की संस्कृति और मां अंबे की आराधना से जुड़े गरबा आयोजन राज्य की संस्कृति को अभिव्यक्त करते हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर इस बात की बधाई दी. पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर कहा कि गरबा जीवन, एकता और हमारी गहरी परंपराओं का उत्सव है.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी इस बारे में खुशी जाहिर करते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि 'गुजरात के गरबा' को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) की सूची में अंकित किया गया है. यह देश की तरफ से 15वीं विरासत है.
यूनेस्को के फैसले पर गरबा आयोजकों ने भी हर्ष व्यक्त किया है.
नवरात्रि के दिनों में गुजरात के वडोदरा समेत अहमदाबाद, राजकोट और सूरत में विशाल गरबों का आयोजन होता है.